जनसंख्या नियंत्रण एक अलग बहस का मुद्दा, मंत्री अशोक चौधरी बोले-जातीय गणना से किसी के साथ अन्याय नहीं होगा

मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल और सरकार की इच्छाशक्ति की बदौलत बिहार विधानमंडल से दो बार जाति आधारित गणना कराने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास कराया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | June 4, 2022 9:35 AM

पटना. भवन निर्माण मंत्री अशोक कुमार चौधरी ने शुक्रवार को कहा है कि जाति आधारित गणना से किसी के साथ अन्याय नहीं होगा. सभी के लिए योजना बनाने में सहयोग मिलेगा. अब जो भी दल आज क्रेडिट लेना चाहें, वे स्वतंत्र हैं. मंत्री अशोक चौधरी ने यह बातें जदयू प्रदेश कार्यालय में आयोजित जन सुनवाई के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहीं. इस दौरान उन्होंने फरियादियों की समस्याओं का समाधान किया. अशोक चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल और सरकार की इच्छाशक्ति की बदौलत बिहार विधानमंडल से दो बार जाति आधारित गणना कराने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास कराया गया.

आरएसएस प्रमुख का बयान स्वागतयोग्य

एक प्रश्न के उत्तर में मंत्री अशोक चौधरी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत द्वारा मंदिर और मस्जिद के संदर्भ में दिये गये बयान को स्वागतयोग्य बताते हुए कहा कि उनका यह बयान साबित करता है कि वह सभी की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हैं. एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए श्री चौधरी ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण एक अलग बहस का मुद्दा है, इस पर बहस होनी ही चाहिए और निश्चित रूप से भविष्य में इस पर निर्णय लेने की जरूरत है.

टीम भेज कर कर्नाटक और तेलंगाना के जातीय सर्वेक्षण का कराएं अध्ययन : मोदी

पटना. राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने जातीय गणना कराने के लिए कैबिनेट की स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार को कर्नाटक और तेलंगाना टीम भेज कर अध्ययन कराना चाहिए कि इन दोनों राज्यों ने किस प्रकार जातीय गणना करायी थी. साथ ही इस बात का भी अध्ययन कराना चाहिए कि 2011 की सामाजिक, आर्थिक, जातीय गणना में क्या त्रुटियां थीं कि केंद्र सरकार जाति के आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं करा पायी.

‘तीनों सर्वेक्षण का पूरा अध्ययन किया जाए’

उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार ने जातीय गणना तो करायी, परंतु सात वर्ष हो गये आज तक आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं कर पायी. उन्होंने कहा कि तेलंगाना ने 2014 में ‘समग्र कुटुंब सर्वे’ के नाम से जातीय गणना करायी, जिसमें एक ही दिन में पूरे सरकारी तंत्र ने सर्वे का काम पूरा किया. केंद्र सरकार ने 5500 करोड़ रुपये व्यय कर 2011 में बिना तैयारी के जल्दबाजी में एसइसीसी 2011 कराया, जिसमें 46 लाख जातियां दर्ज हो गयीं और एक करोड़ 18 लाख से ज्यादा त्रुटियां पायी गयीं. मोदी ने अपील की उपरोक्त तीनों सर्वेक्षण का पूरा अध्ययन किया जाए, ताकि वो गलतियां बिहार में नहीं दोहरायी जाएं.

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