Post Office ने शुरू कर दी ये बड़ी सुविधा, अब खाताधारकों को नहीं होगी पैसे की किल्लत, मिनिमम बैलेंस रखना भी अनिवार्य
Post Office: डाकघर के खाताधारकों (Post Office Account Holders) के लिए बड़ी खबर है. आगामी एक अप्रैल से कुछ नये नियम (Post Office New Rule) और नयी सुविधा (Post Office New Service) शुरू हो रही है. इसके तहत ग्रामीण डाक सेवा (Gramin Dak Seva) की शाखा में निकासी (Cash withdrawal Limit) की सीमा बढ़ायी गयी है. डाक विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नये नियमों के अनुसार ट्रांजेक्शन (Transaction) नियम अलग-अलग डाकघर के खातों पर लागू होंगे.
Post Office: डाकघर के खाताधारकों (Post Office Account Holders) के लिए बड़ी खबर है. आगामी एक अप्रैल से कुछ नये नियम और नयी सुविधा शुरू हो रही है. इसके तहत ग्रामीण डाक सेवा (Gramin Dak Seva) की शाखा में निकासी की सीमा बढ़ायी गयी है. डाक विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नये नियमों के अनुसार ट्रांजेक्शन नियम अलग-अलग डाकघर के खातों पर लागू होंगे. यह राशि डाकघर के खाते के अनुसार अलग-अलग होगी.
नये नियम लागू होने के बाद डाकघर के खाताधारक एक दिन में 20 हजार रुपये निकाल सकेंगे. अब प्रति खाताधारक ट्रांजेक्शन की लिमिट पांच हजार रुपये से बढ़ा दी गयी है. इस पहल का मुख्य उद्देश्य समय के साथ डाकघर की जमा राशि बढ़ाना है.
इसके अलावा कोई भी शाखा पोस्टमास्टर एक दिन में एक खाते में 50 हजार रुपये से अधिक नकद ट्रांजेक्शन नहीं करेगा. नये नियमों के अनुसार बचत खाते के अलावा अब पीपीएफ, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, मासिक आय योजना, किसान विकास पत्र, एनएससी स्कीम में जमा चेक के जरिये स्वीकार या विड्रॉल फार्म के जरिये किया जायेगा.
Post Office Minimum Balance: खाते में 500 रुपया रखना अनिवार्य
डाकघर में खोले गये बचत खाते के लिए मिनिमम बैलेंस पांच सौ रुपये रखना अनिवार्य है. अगर खाताधारक के खाते में पांच सौ रुपये से कम राशि हुई, तो खाते के रखरखाव की फीस के रूप में 100 रुपये काट लिए जायेंगे.
Post Office Savings Scheme: ऑनलाइन पोस्ट ऑफिस बचत खाता कैसे खोलें?
डाकघर बचत खाता एक सरकार द्वारा संचालित जमा योजना है जो सभी भारतीय डाकघरों में उपलब्ध है। यह भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा आपकी जमा राशि पर गणना की गई एक निश्चित ब्याज दर का भुगतान करता है. एकल और संयुक्त दोनों खातों पर, वर्तमान में निर्धारित ब्याज दर 4 फीसद है.
Posted By: utpal Kant