पटना के महिला कॉलेजों में स्थायी लैब असिस्टेंट के अधिकतर पद खाली, जानें कैसे हो रहा प्रैक्टिकल

साइंस में सबसे अहम थ्योरी के बाद प्रैक्टिकल होता है. प्रैक्टिकल करने में लैब असिस्टेंट भूमिका अहम होती है की लेकिन पिछले कुछ सालों में महिला कॉलेजों में लैब असिस्टेंट के पद तो हैं लेकिन इसमें एक या फिर एक भी मौजूद नहीं है. ऐसे में छात्राएं खुद से और टीचर की मदद से लैब में प्रैक्टिकल करती हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | January 18, 2024 3:29 PM

पटना. शहर के महिला कॉलेजों में हर साल साइंस में छात्राएं नामांकन लेती है. साइंस में सबसे अहम थ्योरी के बाद प्रैक्टिकल होता है. प्रैक्टिकल करने में लैब असिस्टेंट भूमिका अहम होती है की लेकिन पिछले कुछ सालों में महिला कॉलेजों में लैब असिस्टेंट के पद तो हैं लेकिन इसमें एक या फिर एक भी मौजूद नहीं है. ऐसे में छात्राएं खुद से और टीचर की मदद से लैब में प्रैक्टिकल करती हैं. महिला कॉलेजों में सिर्फ पटना वीमेंस कॉलेज है जहां लैब असिस्टेंट हैं.

छात्राओं ने कहा कि कई प्रैक्टिकल करने में आती है परेशानी

विभिन्न महिला कॉलेजों में पढ़ने वाली छात्राओं ने बताया कि प्रैक्टिकल में उनके मार्क्स ज्यादा नहीं आ पाते हैं. इसका एक कारण लैब असिस्टेंट का नहीं होना है. अगर टीचर के पास समय होता है तो प्रैक्टिकल होता है वरना लंबे अंतराल के बाद ही प्रैक्टिकल करने का मौका मिलता है. प्रैक्टिकल परीक्षा में अगर आपको कोई सामान चाहिए होता है तो आपको टीचर्स से मांगन पड़ता है. लैब असिस्टेंट होने पर कोई परेशानी नहीं होती है.

जूलॉजी को छोड़ किसी में एक भी स्थायी लैब असिस्टेंट नहीं

जेडी वीमेंस कॉलेज में इंटर से लेकर पीजी में साइंस की पढ़ाई होती है. ऐसे में लैब असिस्टेंट के बिना प्रैक्टिकल आसान नहीं होता है. कॉलेज की प्राचार्या प्रो मीरा कुमारी ने बताया कि कॉलेज में आउटसोर्सिंग से और एक स्थायी लैब असिस्टेंट मौजूद है. फिजिक्स, केमेस्ट्री और बॉटनी में एक भी स्थायी लैब असिस्टेंट नहीं है जबकि साइकोलॉजी और होम साइंस में एक-एक स्थायी लैब असिस्टेंट है. एमरजेंसी में आउटसोर्सिंग से लोग को बुलाकर प्रैक्टिकल करायी जाती है.

लैब असिस्टेंट के लिए एक भी स्वीकृत पद नहीं

श्रीअरविंद महिला कॉलेज में इंटर लेकर पीजी की पढ़ाई करायी जाती है. ऐसे में जूलॉजी, बॉटनी, फिजिक्स, केमेस्ट्री का प्रैक्टिकल छात्राएं टीचर्स की मदद से करती हैं. कॉलेज के प्राचार्य प्रो ललन कुमार ने बताया कि कॉलेज के पास इन विषयों में एक भी स्वीकृत पद नहीं है. कॉलेज की ओर लैब असिस्टेंट के लिए बात की गयी है. फिजिक्स, बॉटनी और जूलॉजी में टीचर्स है लेकिन केमेस्ट्री में अब टीचर्स भी नहीं है.

जूलॉजी, बॉटनी केमेस्ट्री और फिजिक्स में लैब असिस्टेंट नहीं

गंगा देवी महिला कॉलेज में टीचर्स के सपोर्ट से लैब में प्रैक्टिकल करवाया जाता है. जूलॉजी और फिजिक्स में दो लैब असिस्टेंट का स्वीकृत पद है और दोनों विषयों के लैब असिस्टेंट रिटायर हो चुके हैं. वहीं बॉटनी में एक और केमेस्ट्री में एक लैब असिस्टेंट थे वे भी रिटायर हो गये हैं. साइकोलॉजी में दो स्वीकृत पद है जिसमें एक असिस्टेंट हैं वहीं होम साइंस के दोनों स्वीकृत पद खाली है. कॉलेज प्रशासन ने बताया कि जिन विषयों में लैब असिस्टेंट नहीं है उनका प्रैक्टिकल संबंधित टीचर अन्य टीचर्स के सहयोग से छात्राओं को कराते हैं. वहीं साल 2016 में नैक के दौरान सारे लैब के केमिकल लाये गये थे. हालांकि कॉलेज की ओर से जब-जब लैब में केमिकल की जरूरत होती है दिया जाता है.

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अभी तक नहीं हुई लैब असिस्टेंट की ज्वाइनिंग

मगध महिला कॉलेज में फिजिक्स, केमेस्ट्री, जूलॉजी, बॉटनी के अलावा होम साइंस और साइकोलॉजी में लैब असिस्टेंट के स्वीकृत पद है. ऐसे में पिछले कुछ सालों से लैब असिस्टेंट से जुड़े कई पद खाली पड़े हुए हैं. कॉलेज की प्राचार्या डॉ नमिता कुमारी ने बताया कि पीयू की ओर से 2022 में एक चिट्ठी मिली थी जिसमें 9 लैब अस्सिटेंट के लिए स्वीकृति मिली और किस एजेंसी से लेना है इसका जिक्र भी है. कॉलेज की ओर से सारी जानकारियां यूनिवर्सिटी को भेजी जा चूकी है लेकिन अभी तक कोई ज्वाइनिंग नहीं हो पायी है. फिलहाल कॉलेज में साइकोलॉजी में 2, केमेस्ट्री में 2, होम साइंस में 2, जूलॉजी में 1, बॉटनी में 1 और फिजिक्स में लैब असिस्टेंट की जरूरत है. साल 2020 में बिहार सरकार की ओर से बजट मिला था जिससे लैब में केमेकल्स अपडेट किया है.

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