बिहार के मेडिकल कॉलेजों में वरीय शिक्षकों के पद खाली, असिस्टेंट प्रोफेसर को ही विभागाध्यक्ष की जिम्मेवारी

वरीय शिक्षकों की कमी के कारण मेडिकल कॉलेजों के कई विभागों का विभागाध्यक्ष असिस्टेंट प्रोफेसर को बनाया गया है. मेडिकल कॉलेजों में विभागाध्यक्ष (एचओडी) का कार्य वरीय प्रोफेसरों के बीच से सौंपा जाता है.

By Ashish Jha | August 25, 2023 3:48 PM

पटना. राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में वरीय पदों पर स्थायी शिक्षक नहीं हैं. उनकी जगह संविदा पर चिकित्सक शिक्षकों की नियुक्ति कर शैक्षणिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं. वरीय शिक्षकों की कमी के कारण मेडिकल कॉलेजों के कई विभागों का विभागाध्यक्ष असिस्टेंट प्रोफेसर को बनाया गया है. मेडिकल कॉलेजों में विभागाध्यक्ष (एचओडी) का कार्य वरीय प्रोफेसरों के बीच से सौंपा जाता है. स्थिति तो यह है कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों की शैक्षणिक गतिविधियों को संचालित करने के लिए 81 संविदा पर बहाल डॉक्टरों की संविदा अवधि एक साल के लिए विस्तारित की गयी है.

मेडिकल कॉलेज में संविदा वाले शिक्षकों से चलाया जा रहा है काम

राज्य के मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसरों की न तो नयी नियुक्ति हो रही है और नहीं पहले से स्थायी रूप से काम कर रहे असिस्टेंट प्रोफेसरों की पदोन्नति हो रही है. ऐसी स्थिति में वरीय पदों पर स्थायी शिक्षकों की कमी हो गयी है. मेडिकल कॉलेजों में हर विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर का पद सृजित किया गया है. एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के पद रहने की स्थिति में ही पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई होती है. जीएमसी बेतिया सहित अन्य मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर को सर्जरी विभाग, औषधि विभाग और अर्थोपेडिक विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. उधर ,मेडिकल कॉलेजों में वरीय पदों पर स्थायी शिक्षकों के अभाव में पीएमसीएच सहित सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में संविदा वाले शिक्षकों से काम चलाया जा रहा है.

पीएमसीएच में भी वरीय स्थायी पद खाली

पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में संविदा का आधार पर 15 वरीय चिकित्सकों की नियुक्ति की गयी है. इसमें टीबी एंव चेस्ट विभाग, प्लास्टिक सर्जरी, चर्म एवं रति रोग, जेरियाट्रिक, बायोकेमिस्ट्री, फिजियोलॉजी, नेत्र, सर्जरी, शिशु रोग विभाग, यूरोलॉजी विभाग, दंत रोग विभाग और शिशु सर्जरी विभाग शामिल हैं.

एनएमसीएच, डीएमसीएच समेत अन्य मेडिकल कालेज अस्पतालों में यही हालत

इसी प्रकार से नालंदा मेडिकल कॉलेज में संविदा के आधार पर 10 वरीय पदों पर चिकित्सक शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है. दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 10, जेएलएनएमसीएच, भागलपुर में सात, एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर में आठ, एएनएमसीएच,गया में आठ, बिम्स पावापुरी में 15, जीएमसी, बेतिया में तीन, जेएनकेटीएमसीएच, मधेपुरा में चार और जीएमसी, पूर्णिया में एक वरीय चिकित्सक शिक्षक की संविदा पर तैनाती की गयी है.

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