अनुराग प्रधान, पटना. पटना यूनिवर्सिटी (पीयू) के छात्र संघ चुनाव को मिनी जंग कहा जा रहा है. बड़े-बड़े दिग्गज नेता चुनाव प्रचार में उतर चुके हैं. चोरी-चुपके कई बड़े नेता अपने-अपने स्तर से चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं. चुनावों में गहमागहमी इतनी ज्यादा बढ़ गयी है कि सभी संगठन अपनी ताकत दिखा रहे हैं. ऐसे में पावर और पैसा दोनों का इस्तेमाल भी खुलेआम हो रहा है.
पीयू चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू है, पर कैंपस में नियम कानून की जमकर धज्जियां उड़ायी जा रही हैं. नियम तोड़ने वाले छात्र संगठनों पर कोई कार्रवाई तक नहीं हुई है. संगठनों की साख दांव पर है लिहाजा प्रचार और पोस्टरबाजी में कोई पीछे नहीं रहना चाहता. पीयू की हर दीवार पोस्टर से पटी पड़ी है. छात्र कारों के काफिले के साथ कैंपस में प्रचार कर रहे हैं और ये सब कुछ तब हो रहा है जब आचार संहिता लागू है.
पीयू चुनाव के लिए बनी लिंगदोह कमेटी का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है. प्रचार के अंतिम दिन सभी संगठन अपने-अपने प्रत्याशियों के साथ जुलूस निकालते हुए कैंपस में झंडा-बैनर लेकर घूम रहे थे. चुनाव पदाधिकारियों के कई बार कहने पर भी वह आचार संहिता के बारे में समझ नहीं रहे थे. आचार संहिता के बाद भी पीयू के साथ-साथ पीयू के विभिन्न कॉलेजों की दीवारों पर कई पोस्टर चिपके हुए हैं. इसे देख कर प्रशासन के प्रतिबंध के दावे हवाई साबित हो गये. प्रचार के अंतिम दिन प्रत्याशियों के समर्थकों ने जुलूस भी निकाला और जमकर उत्पात भी मचाया.
कैंपस में कई बार अफरातफरी का माहौल भी कायम हो गया. जुलूस, झंडे-बैनर, पोस्टर साटने पर कार्रवाई का दावा करने वाले अफसर मूकदर्शक बने रहे. पीयू के एक अधिकारी ने कहा कि आखिर किस-किस पर कार्रवाई की जाये. सभी छात्र संगठनों ने आचार संहिता की धज्जियां उड़ायी हैं. कारों के काफिले के साथ प्रचार चुनावी गाइडलाइन के मुताबिक वॉल ऑफ डेमोक्रेसी के अलावा पीयू में कहीं भी पोस्टर चस्पा नहीं किये जा सकते और जो पोस्टर चस्पा होगें वो भी हैंडमेड होना चाहिए, लेकिन न सिर्फ कैंपस के इर्द गिर्द बल्कि कैंपस में भी खुलेआम गाइडलाइंस की अमदेखी की जा रही है .