पटना. बिजली उपभोक्ताओं पर लगातार बढ़ रहे साइबर हमलों को देखते हुए उपभोक्ताओं के डेटा को सुरक्षित रखने व उसके बेहतर इस्तेमाल को लेकर बिजली कंपनी ने साइबर सिक्यूरिटी ऑपरेशन सेंटर की स्थापना का निर्णय लिया है. यह सेंटर पटना व गया समेत तमाम आइटी लोकेशंस पर स्थापित किये जायेंगे. ऑपरेशन सेंटर की स्थापना, उसके प्रबंधन व संचालन को लेकर दोनों बिजली आपूर्ति कंपनियों साउथ बिहार व नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने अनुभवी एवं योग्य कंपनियों, फर्म तथा केंद्र व राज्य सरकार के उपक्रमों से आवेदन मांगा है.
दरअसल सूबे के 1.80 करोड़ से अधिक उपभोक्ता बिजली कंपनियों से जुड़े हैं. इनमें करीब 1.15 करोड़ उपभोक्ता नॉर्थ बिहार के, जबकि 65 लाख से अधिक साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के हैं. इनके नाम, पता व मोबाइल नंबर का डाटा बिजली कंपनियों के पास मौजूद है. पिछले महीनों इसी डेटा का फायदा उठाते हुए साइबर ठगों ने हजारों ग्राहकों के रजिस्टर्ड मोबाइल पर संदेश भेजते हुए ठगी की. बाद में इससे संबंधित केस बिहार सरकार की आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) को ट्रांसफर कर दिये गये. इओयू की सलाह पर बिजली कंपनी डाटा को सुरक्षित रखने पर काम कर रही है. इओयू के स्तर पर ऐसे कई जालसाजों को चिह्नित करते हुए उनकी गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है.
साइबर ठग उपभोक्ताओं के मोबाइल पर बिजली बिल बकाया होने के मैसेज के साथ एक मोबाइल नंबर और बिल जमा करने का लिंक भेज रहे हैं. इसमें एक सीमित अवधि तक बिल जमा नहीं करने पर बिजली कनेक्शन काट दिये जाने की धमकी दी जाती है. मैसेज में दिये गये नंबर पर उपभोक्ता द्वारा फोन कॉल करने पर फोन काट दिया जाता है. फिर एक मैसेज से लिंक भेज कर पैसे जमा करने का निर्देश दिया जाता है. लिंक के जरिये उपभोक्ताओं से ओटीपी भी लिया जाता है, जिसके बाद उनके बैंक अकाउंट से अपराधियों द्वारा पैसा निकाल लिया जाता है.
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उपभोक्ताओं से व्यूअर या एनी डेस्क एप डाउनलोड करा कर भी ठगी किये जाने के मामले प्रकाश में आये हैं. ऐसे मामलों में बिजली कंपनी ने उपभोक्ताओं को अनजान लिंक के माध्यम से भुगतान करने से बचने की सलाह दी है. कंपनी ने कहा कि बिजली विभाग की अधिकृत वेबसाइट एनबीपीडीसीएल और एसबीपीडीसीएल पर ही जाकर भुगतान करें. इसके अलावा बिहार बिजली स्मार्ट मीटर एप और बिहार बिजली बिल पे एप पर भुगतान किया जा सकता है.
ऊर्जा विभाग ने बिजली चोरी के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है. इसका नतीजा है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल से जून) में 34.37 करोड़ रुपये की बिजली चोरी पकड़ते हुए आरोपितों से 20.52 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया. ऐसे मामलों में कुल 10356 एफआइआर दर्ज की गयी है. इसके साथ ही वर्तमान वित्तीय वर्ष के प्रथम तिमाही में ऊर्जा विभाग ने 3015 करोड़ रुपये की राजस्ववसूली की है.
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक पिछले वित्तीय वर्ष की प्रथम तिमाही में कंपनियों ने बिजली चोरी से जुड़े अलग- अलग मामलों में 1243 एफआइआर दर्ज की थी, जो वर्तमान वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में 10357 तक पहुंच गयी. एफआइआर में यह वद्ृधि करीब आठ गुना से अधिक है. ऊर्जा सचिव सह बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के सीएमडी संजीव हंस ने बताया किबकायेदारों के खिलाफ सख्तीबरते जाने की कार्रवाई के सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं. इससे हमारा राजस्व संग्रह भी बढ़ा है.