ब्रजेश: भागलपुर व बांका जिले में पांच साल में बिजली व्यवस्था में सुधार को लेकर काफी काम हुए हैं. बावजूद इसके कई ऐसे इलाके हैं जहां ओवरलोडिंग के साथ जर्जर लाइनों के कारण लोकल फाॅल्ट की समस्या बनी रहती है. शहरी इलाकों में सबसे ज्यादा समस्या है. कई फीडरों की लंबी लाइन की वजह से यह ओवरलोड हैं.
इसके मद्देनजर बिजली आपूर्ति व्यवस्था का नये सिरे से कायाकल्प होगा. इसे कई कार्यों के लिए स्वीकृति मिल गयी है. यह काम रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (संशोधित वितरण क्षेत्र योजना) यानी, आरडीएसएस से होगा. इस पर करीब 200 करोड़ खर्च आयेगा. दोनों जिले में बिजली आपूर्ति व्यवस्था में सुधार का कार्य एजेंसी के माध्यम से होगा. प्रोजेक्ट पर काम मार्च से शुरू कराया जायेगा.
रिवैम्पड योजना के माध्यम से निर्बाध बिजली आपूर्ति देने के लिए नये फीडर बनाकर लंबी लाइन को छोटी की जायेगी. इससे लाइन लॉस में कमी आयेगी. साथ ही उपभोक्ताओं को भी फायदा होगा. फॉल्ट में कमी आयेगी और निर्बाध आपूर्ति मुमकिन हो सकेगा.
कम और अधिक क्षमता वाले ट्रांसफाॅर्मर, कई जगहों पर एलटी लाइन डाले जाने के साथ ही विद्युतीकरण से जुडे़ अन्य कार्य पूरे कराए जाएंगे. जर्जर लाइनों को बदलने के साथ जहां बिजली पोल की जरूरत होगी वहां बिजली पोल भी लगाए जाएंगे. दरअसल, कई ऐसी जगह हैं जहां एक ही ट्रांसफाॅर्मर होने के कारण ओवर लोडिंग की समस्या है. अगर कभी ट्रांसफार्मर में तकनीकी खराबी आती है तो मोहल्ले की सप्लाई ठप हो जाती है. ऐसे मुहल्ले में नये ट्रांसफार्मर भी लगाए जाएंगे.
रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के लिए साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड की ओर से निविदा की प्रकिया अपनायी जा रही है. टेक्निकल बिड खुल चुका है. इसमें एक दर्जन से अधिक एजेंसियों ने टेंडर भरा है. तकनीकी मूल्यांकन किया जा रहा है. इसमें सफल एजेंसियों का फाइनेंसियल बिड जनवरी में खोला जायेगा.
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प्रोजेक्ट : रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस)
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लागत : 200 करोड़ (लगभग)
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कार्य क्षेत्र : भागलपुर व बांका जिला
इंट्रीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम से शहरी क्षेत्र के बिजली आपूर्ति सुधार का कार्य जिस ठेका एजेंसी से कराया जा रहा था, उनकी ओर से 90 फीसदी ही काम किया था. अब बिजली कंपनी बचे हुए 10 फीसदी कार्य को उसी एजेंसी से करा रहा है. यह काम जनवरी तक में पूरा होगा. इस स्कीम से आधा दर्जन पावर सब स्टेशन का निर्माण, खुले तारों को कवर्ड वायर से बदलने, लाइन को अंडरग्राउंड करने एवं अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर लगाने का काम था. टीएनबी कॉलेजिएट में जगह नहीं मिलने से एक पावर सब स्टेशन नहीं बन सका है. वहीं, कई जगहों पर खुले तारों को कवर्ड वायर से नहीं बदला जा सका है. 700 में 120 ट्रांसफॉर्मर लगा है. प्रोजेक्ट करीब 200 करोड़ रुपये का था.
आरडीएसएस स्कीम से बिजली व्यवस्था में सुधार के साथ निर्बाध आपूर्ति के लिए जरूरी काम कराये जाएंगे. भागलपुर व बांका जिले को इसमें शामिल किया गया है. मेन फोकस लाइन लॉस को कम करना है. आवश्यकता के हिसाब से नये फीडर बनाकर लंबी लाइन को छोटी की जायेगी. इसके अलावा विद्युतीकरण से जुडे़ अन्य कार्य पूरे कराए जाएंगे- प्रभात रंजन, कार्यपालक अभियंता(प्रोजेक्ट), भागलपुर