पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में वोकेशनल कोर्स का सेकेंड राउंड का नामांकन समाप्त हो गया है. शनिवार को इसके वैलिडेशन की अंतिम तिथि थी. रेगुलर कोर्स में भी करीब 30% से अधिक सीटें खाली हैं, लेकिन वोकेशनल कोर्स में दो राउंड नामांकन के बाद भी करीब 70% तक सीटें कई बड़े कॉलेजों के प्रमुख वोकेशनल कोर्स में खाली हैं. छात्रों का रुझान इस कोर्स की ओर अब धीरे-धीरे घट रहा है. इसके कई कारण हैं. महंगी फीस, आउटडेटेड सिलेबस व प्लेसमेंट की कमी की वजह से इन कोर्स से स्टूडेंट्स का रुझान कम हो रहा है.
वहीं, महंगाई व कोरोना की वजह से अभिभावकों पर पड़ी आर्थिक मार एक बड़ी कारण हैं. कई छात्र दो मेधा सूची में नाम आने के बाद भी नामांकन नहीं लेते हैं. इसके पीछे का कारण यह है कि एलॉट कॉलेज उन्हें पसंद नहीं होना है. वे मनपसंद कॉलेज और जगह पर नामांकन लेने के विचार से इंतजार करते हैं और फिर स्पॉट राउंड में नामांकन लेते हैं. स्पॉट राउंड में नामांकन होने के बाद भी बड़ी संख्या में सीटें खाली रहेंगे, इसमें कोई शक नहीं है.
नामांकन में देरी भी एक कारण
कोरोना से नामांकन में देरी को भी एक बड़ा कारण माना जा रहा है. चूंकि पटना विवि में वोकेशनल कोर्स का नामांकन पहले हाे गश था. इससे वहां बड़ी संख्या में छात्रों ने नामांकन ले लिया. जो बच गये, उन्होंने राज्य के बाहर का रुख किया और दूसरे राज्यों के बड़े संस्थानों में पढ़ने चले गये. क्योंकि वहां प्लेसमेंट के अवसर भी होते हैं.
पीपीयू स्टूडेंट्स वेंलफेयर डीन प्रो एके नाग ने कहा कि अभिभावकों पर कोरोना व अन्य वजहों से जो आर्थिक मार पड़ी है. इससे वोकेशनल कोर्स में नामांकन पर असर पड़ा है और बड़ी संख्या में सीटें खाली हैं. अभी स्पॉट राउंड बाकी है और उसमें बड़ी संख्या में छात्र अपने मनपसंद कॉलेज में नामांकन लेने की वजह से भी जानबूझ कर नामांकन नहीं लेते हैं.
Posted by: Radheshyam Kushwaha