प्रभात खबर बैंकिंग क्लोक्वीअम का हुआ आगाज, बिहार के उद्योग मंत्री के साथ बैंकों के अधिकारी और उद्यमी जुटे

आज को पटना के होटल लेमन ट्री में अनोखा नजारा देखने को मिलेगा. मौका होगा प्रभात खबर बैंकिंग क्लोक्वीअम का . प्रभात खबर के इस कार्यक्रम में उद्यमियों और बैंकों के अधिकारियों, बिहार में उद्योग के विकास पर चर्चा करेंगे. उद्यमी जहां बैंक के अधिकारियों से मिल कर अपनी बातें कहेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 16, 2023 11:25 AM

आज को पटना के होटल लेमन ट्री में अनोखा नजारा देखने को मिल रहा है. मौका है प्रभात खबर बैंकिंग क्लोक्वीअम का. प्रभात खबर के इस कार्यक्रम में उद्यमियों और बैंकों के अधिकारियों, बिहार में उद्योग के विकास पर चर्चा कर रहे हैं. उद्यमी जहां बैंक के अधिकारियों से मिल कर अपनी बातें कहेंगे, वहीं- बैंकर्स को सीधे सक्षम ग्राहकों से मिलने का अवसर मिलेगा. दोनों के लिए यह मंच फायदे का सौदा साबित होने वाला है. कार्यक्रम का उद्घाटन राज्य के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने किया. जबकि इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष पीके अग्रवाल, उपाध्यक्ष एनके ठाकुर और मुकेश जैन, बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण अग्रवाल, उपाध्यक्ष अरविंद कुमार सिंह, भरत अग्रवाल, नरेंद्र कुमार,पूर्व अध्यक्ष केपीएस केसरी और रामलाल खेतान, बिहार स्टेट राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजू गुप्ता व सचिव आनंद कुमार सिंह, सीआइआइ के नरेंद्र कुमार, क्रेडाइ के सचिन चंद्रा और महिला उद्योग संघ की उषा झा के साथ-साथ शहर के कई नामचीन उद्यमी कार्यक्रम में शामिल हुए हैं.

प्री कोविड युग में वापस आ रहा बिहार

एसबीआई के जीएम मनोज कुमार गुप्ता ने कहा कि बिहार में कई तरह के वित्तीय और संस्थागत परेशानियां है. मगर उसके साथ ही, कई अच्छी बात है. इसमें सबसे बेहतर बात है कि यहां बिहार में कम कीमत बेहतर लेबर उपलब्ध है. इसके साथ ही भारतीय स्टेट बैंक उद्यमियों खासकर एमएसएमई के बेहतर सेवा उपलब्ध करा रही है. बिहार सरकार के द्वारा भी उद्योग के विकास पर खास फोकस किया जा रहा है. इसमें इथेनॉल पॉलिसी राज्य के औद्योगिक विकास में मील का पत्थर साबित होगी.

बैंक के बिना विकास संभव नहीं: डीजीएम पीएनबी

पंजाब नेशनल बैंक के डीजीएम विजय कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बैंकों के बिना विकास संभव नहीं है. क्योंकि बैंकों के द्वारा व्यापार के लिए वित्त की व्यवस्था की जाती है. उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक सीडी रेशियो को लेकर काफी गंभीर है. ऐसे में कई सुधार की कवायद भी शुरू की गयी है. इसका असर जल्द दिखने लगेगा.

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