बिहार में प्रभात खबर के 27 साल : सामाजिक सरोकार के तहत बंटा कपड़े का थैला, लोगों ने दी बधाई और कैंपेन को सराहा

प्रभात खबर ने मंगलवार को अपना 27वां स्थापना दिवस सेलिब्रेट किया. इस अवसर पर प्रभात खबर अपनी जन सरोकार की पत्रकारिता के तहत इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए 27वें सालगिरह पर ‘पॉलीथिन-प्लास्टिक को छोड़िए, कपड़े के थैले से नाता जोड़िए’ कैंपेन के तहत लोगों के बीच थैला का वितरण किया.

By Prabhat Khabar News Desk | July 11, 2023 11:42 PM

प्रभात खबर के 27 वर्ष पूरे होने पर ‘रोटरी क्लब ऑफ पटना’ और ‘पीएम एंड मॉल’ के सहयोग से मंगलवार को राजधानी के सबसे बड़े मॉल ‘पी एम एंड मॉल’ में लोगों को पॉलिथीन की जगह कपड़े का थैला इस्तेमाल करने की अपील की गयी. साथ ही अपने परिचितों को भी इन्हें अपनाने के लिए प्रेरित करने का संकल्प दिलाया गया. इस कार्यक्रम में ‘पी एम एंड मॉल’ में सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे. आलम यह था कि लोग हर फ्लोर पर खड़े होकर इस कार्यक्रम से रूबरू होते रहे. इस दौरान लागो के बीच नि: शुल्क तीन सौ से अधिक कपड़े के थैले का वितरण किया गया. यहां मौजूद कई स्टूडेंट्स भी इस कैंपेन का हिस्सा बने और प्रभात खबर की सराहनी की.

मौके पर प्रभात खबर के स्टेट एडिटर अजय कुमार, स्थानीय संपादक रणजीत प्रसाद सिंह, स्टेट ब्यूरो हेड मिथिलेश, पीएम एंड मॉल के महाप्रबंधक रतन सिंह, रोटरी क्लब ऑफ पटना के अध्यक्ष अनुज राज, डॉ सी खंडेलवाल, के के वर्मा, सोनाली किशोर, कविता सिन्हा आदि सक्रिय रहीं.

युवाओं ने लिया संकल्प, थैला लेकर जाएंगे बाजार

मौके पर प्रभात खबर के स्टेट एडिटर अजय कुमार ने मॉल परिसर में मौजूद लोगों से अनुरोध किया गया कि वे खुद पॉलिथीन का इस्तेमाल न करें. साथ ही दूसरों को भी ऐसा करने से रोकें. पॉलीथिन से होने वाले हानिकारक दुष्परिणामों से लोगों को अवगत कराएं. कपड़ा या फिर जूट का थैला लेकर ही बाजार जाएं. इसी में हम सबकी भलाई है. पॉलीथीन का बेहतर विकल्प कागज, कपड़े और जूट के बैग व थैले हो सकते हैं. ये पूरी तरह इको फ्रेंडली हैं. इनके इस्तेमाल से पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचत. कार्यक्रम में मौजूद युवाओं ने वादा किया कि वे पॉलीथिन का न तो खुद प्रयोग करेंगे और न ही दूसरों को करने देंगे.

हर किसी का योगदान जरूरी है…

कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए स्थानीय संपादक रणजीत प्रसाद सिंह व स्टेट ब्यूरो हेड मिथिलेश ने कहा कि हाल ही में प्रभात खबर की ओर से ‘अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस’ पर कपड़े के थैले में खरीदारी करते हुए सेल्फी और फोटो खींचकर भेजने के लिए अपील की गयी थी. इसमें बड़ी संख्या में पाठकों ने भाग लिया और बाजार में खरीदारी करते हुए अपनी सेल्फी और फोटो भेजी, जिसे हम लोगों ने प्रकाशित किया था. भविष्य में आने वाले खतरों से बचने के लिए हमें शहर को प्लास्टिक से मुक्त करना होगा. इसमें हर किसी का योगदान जरूरी है.

प्रभात खबर के ये बने सहयोगी, स्थापना दिवस की दी बधाई, कार्यक्रम को सराहा

  • प्रभात खबर को 27वें स्थापना दिवस को लेकर बहुत-बहुत बधाई. प्रभात खबर की खासियत रही है कि यह अखबार जन समस्याओं का मुद्दा प्रमुखता से उठाता रहता है. इसमें समाज को साथ देने की जरूरत है. हमारे क्लब के सदस्य भी लगातार लोगों को ‘नो पालीथिन’ का संदेश दे रहे हैं. लोगों को इस अभियान को हाथों-हाथ लेना चाहिए. रोटरी क्लब ऑफ पटना की ओर से आज 300 से अधिक कपड़े के थैलों का नि:शुल्क वितरण किया गया. इस तरह का आयोजन आगे भी जारी रहेगा. – अनुज राज, अध्यक्ष, रोटरी क्लब ऑफ पटना

  • प्लास्टिक जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है. पर पर्यावरण को बचाना है, तो अखबार और क्लब की मुहिम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लें और प्लास्टिक की थैलियों को बायकॉट करें. अपने राज्य के सभी लोगों से, युवा-पीढ़ियों, छात्र-छात्राओं से अपील करता हूं कि कहीं भी सब्जी मंडी, फल दुकानों या अन्य मॉल में प्लास्टिक मिले तो उसे न लें और उन्हें भी इसे देने से मना करें. प्रभात खबर के कैंपेन में हर किसी को भाग लेकर प्लास्टिक को नो कहना चाहिए. – रतन सिंह, महाप्रबंधक, पीएम एंड मॉल, पटना

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  • सबसे पहले तो प्रभात खबर को 27वें स्थापना दिवस की ढ़ेर सारी शुभकामनाएं और पूरी टीम को बधाई. इस अखबार में सभी खबरें तथ्यपरक और जन सरोकार से जुड़ी होती हैं. हर किसी को इसके कैंपेन ‘पॉलीथिन-प्लास्टिक को छोड़िए, कपड़े के थैले से नाता जोड़िए’ से जुड़ना चाहिए और संकल्प लेना चाहिए की अब जीवन भर पॉलीथिन का इस्तेमाल नहीं करेंगे. अगर हम कारोबारी वर्ग से पॉलीथिन न लेने का संकल्प हर कोई करे, तो शहर को इससे मुक्त किया जा सकता है. – डॉ सी खंडेलवाल, पीडीजी

  • हम लोग अब भी अगर नहीं चेते, तो आने वाला कल और भी भयावह होगा. इसे लेकर हर किसी को जागरूक होना पड़ेगा. प्लास्टिक के थैले की जगह कपड़े का थैला ही यूज करें. फुटकर बिक्री करने वाले दुकानदारों को भी इसके प्रति जागरूक करना चाहिए. पॉलीथिन के प्रयोग से शहर के नाले और चैंबर जाम हो रहे हैं. पर्यावरण पर प्लास्टिक थैलियों का सबसे खतरनाक और अपरिहार्य प्रभावों में से एक यह है कि इन्हें विघटित होने में कई साल लग जाते हैं. – केके वर्मा, पूर्व अध्यक्ष, रोटरी क्लब ऑफ पटना

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