पटना. राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस (24 अप्रैल) के मौके पर प्रभात खबर ने बिहार के 33 जिलों में 37 स्थानों पर संवाद का कार्यक्रम आयोजित किया. प्रभात खबर संवाद का विषय था- गांव की योजना, गांव का विकास. इस मौके पर त्रिस्तरीय पंचायती राज के प्रतिनिधियों – मुखिया, वार्ड सदस्य, जिला पार्षद, पंच, सरपंच जिला परिषद के अध्यक्ष आदि ने पंचायतों/गांवों के विकास की रूपरेखा रखी. साथ ही योजनाओं के चयन से लेकर उन्हें जमीन पर उतारने के दौरान आने वाली चुनौतियों पर भी खुल कर चर्चा की. सभी स्थानों पर महिला प्रतिनिधियों की भी अच्छी खासी संख्या में भागीदारी रही.
अधिकतर पंचायत प्रतिनिधियों ने माना कि पंचायत के स्तर पर लागू होने वाली योजनाओं से गांवों की तस्वीर बदली है. लेकिन, जरूरत इस बात की है कि गांवों की जरूरत के अनुरूप योजनाएं बनें. ऐसा तभी संभव होगा जबकि ग्राम सभा में लोगों की भागीदारी बढ़े.
कई प्रतिनिधियों ने नौकरशाही के स्तर पर आ रही चुनौतियों को रेखांकित किया और कहा कि सरकार और पंचायत प्रतिनिधियों के बीच तालमेल बढ़नी चाहिए. पंचायत सरकार भवन में सुविधा व संसाधन की कमी भी सामने आयी. कई पंचायतों में कर्मियों की भारी कमी है.
दूसरी तरफ संवाद में आम लोगों ने कहा कि ग्राम पंचायतों के विकास की योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता जरूरी है. पंचायत प्रतिनिधियों अपने अधिकार को समझ लें और दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करें, तो जनता को भी सभी योजनाओं का समय से लाभ मिलेगा.
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1. गांव की जरूरत के अनुरूप योजनाएं बने
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2. विकास की योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता जरूरी
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3. ग्राम सभाओं में जन सहभागिता बढ़नी चाहिए
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4. पंचायतों को भी कर वसूली का अधिकार मिले
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5. नये प्रतिनिधियों के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था हो