शशिभूषण कुंवर, पटना. राज्य के मतदाता राजनीतिक पार्टियों से आगे चल रहे हैं. राजनीतिक दलों द्वारा मतदाताओं को लोकतांत्रिक प्रक्रिया से जोड़ने की भूमिका कमजोर पड़ गयी है.
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार की 243 विधानसभा सीटों की मतदाता सूची के अपडेशन के लिए बुधवार को प्रारूप का प्रकाशन कर दिया गया है. इसके साथ ही मतदाताओं के नाम जोड़ने, हटाने या संशोधित करने की प्रक्रिया आरंभ हो गयी है.
मतदाता सूची के अपडेशन में राजनीतिक दलों की महत्वपूर्ण भूमिका निर्धारित की गयी है. राजनीतिक दलों द्वारा हर बूथ पर अपनी पार्टी का एक-एक बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) की तैनाती करनी है.
बिहार में राष्ट्रीय स्तर की मान्यता प्राप्त दो पार्टियों का किसी भी बूथ पर उनका एजेंट नहीं है. स्थिति यह है कि हर बूथ तक राजनीतिक कार्यकर्ता तैनात करनेवाले दलों के भी एजेंट सभी बूथों पर नहीं है.
राज्य के 243 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 77 हजार 221 स्थायी बूथों का गठन किया गया है. राजनीतिक दलों द्वारा हर बूथ पर एक-एक बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) की तैनाती की जानी है.
साथ ही इसकी सूची भी मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को उपलब्ध करानी है. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के पूर्व भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विभिन्न राजनीतिक दलों के बीएलए की सूची जारी की गयी थी.
इस सूची के अनुसार ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस और नेशनल पीपुल्स पार्टी का एक भी बूथ लेवल एजेंट नहीं है. बसपा द्वारा राज्य के सिर्फ 79 बूथों पर ही बीएलए की तैनाती की गयी है.
भाजपा द्वारा राज्य की 38713 बूथों पर ही बीएलए तैनात किये गये हैं, जबकि कांग्रेस द्वारा 2244 बूथों पर बीएलए तैनात किये गये हैं. राज्य के सर्वाधिक 50268 बूथों पर राजद ने अपना बीएलए तैनात किया है.
बीएलए की तैनाती में जदयू तीसरे स्थान पर है और उसने 26864 बूथों पर एजेंट तैनात किये हैं. इसके अलावा सीपीआइ ने 56 बूथों पर , सीपीआइ(एम) ने 271 बूथों पर, एनसीपी ने 896 बूथों पर, लोजपा ने 2542 बूथों पर और रालोसपा ने 1074 बूथों पर अपने एजेंट तैनात किये हैं.
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राजद 50268
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भाजपा 38713
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जदयू 26864
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लोजपा 2542
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कांग्रेस 2244
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रालोसपा 1074
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एनसीपी 896
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सीपीआइ (एम) 271
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बसपा 79
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सीपीआइ 56
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तृणमूल कांग्रेस 0
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नेशनल पीपुल्स पार्टी 0
राजनीतिक दलों द्वारा बूथ लेवल पर तैनात किये गये एजेंट मतदाता सूची के अपडेशन के अंग होते हैं. राजनीतिक दल के ऐसे एजेंट अपने बूथ स्तर पर नये मतदाताओं के नाम शामिल कराने, मतदाताओं के नाम व पता में संशोधन का आवेदन लेकर बीएलओ को जमा कराना.
साथ ही मतदाताओं के निधन पर वैसे मतदाताओं का नाम सूची से हटाने के लिए दावा-आपत्ति के आवेदन में सहयोग करना. मतदाताओं को मतदाता सूची के अद्यतीकरण के बारे में जागरूक करना है.
यह प्रावधान किया गया है कि राजनीतिक दल का एक एजेंट 10 आवेदन पत्रों को मतदाताओं से लेकर बीएलओ को सौंप सकता है.
Posted by Ashish Jha