शिव कुमार भारती, मोहनिया सदर. कोरोना काल में मनरेगा के कर्मचारियों ने लापरवाही बरतते हुए गृह मंत्रालय भारत सरकार, बिहार सरकार सहित उस समय के ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी व जिलाधिकारी के उस आदेश को ताक पर रखते हुए प्रखंड की भरखर पंचायत में 24 ऐसे वृद्धजनों से मजदूरी करवाया है.
उनको 155578 रुपये मजदूरी का भुगतान भी 2020-21 में किया है, जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक है और वे सभी वृद्धा पेंशन योजना का लाभ भी लेते है.
जबकि, इनकी उम्र को देखते हुए उस समय के ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव द्वारा राज्य के सभी जिलाधिकारी को 17 अप्रैल 2020 को जारी पत्र (पत्रांक संख्या- 461113) में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए अस्वस्थ व 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को मजदूरी के कार्य पर नहीं लगाया जायेगा.
इसके बावजूद आखिर किन परिस्थितियों में सरकार की गाइडलाइन को दरकिनार करते हुए पंचायत रोजगार सेवक द्वारा इन 24 वृद्धा पेंशनरों से मजदूरी सहित कुछ अन्य कार्य करवाये गये.
यदि मनरेगा के नियमावली की बात करें, तो एक परिवार को एक वर्ष में 100 दिन का ही कार्य देने का प्रावधान है. लेकिन, यहां तो पति-पत्नी का अलग-अलग जॉबकार्ड जारी कर 100 दिन से अधिक के मजदूरी का भुगतान किया गया है.
इसमें भरखर के जगदीश राय और उनकी पत्नी का नाम शामिल है. जगदीश राय को 96 दिन के मजदूरी का भुगतान 18624 रुपये, इनकी पत्नी कुसम देवी को 30 दिन की मजदूरी का भुगतान 5820 रुपये किया गया है.
वहीं, अखिलरंजन सिंह को 96 दिन की मजदूरी का 18624 रुपये भुगतान किया गया है, इनकी पत्नी वार्ड पांच की सदस्य विभा देवी को भी 30 दिन की मजदूरी के 5820 रुपये का भुगतान किया गया है.
अखिलरंजन सिंह के पिता राजनेती सिंह जो कि वृद्धा पेंशन का लाभ उठाते है, इनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक है. इनको 48 दिन की मजदूरी के 9312 रुपये भुगतान व इनकी पत्नी सीतामुनि को 32 दिन की मजदूरी के 6208 रुपये का भुगतान उनके बैंक खाता में किया गया है.
वार्ड सदस्य विभा देवी उनके पति अखिलरंजन सिंह, ससुर राजनेती सिंह व सास सीतामुनि देवी ने लोहिया स्वच्छ बिहार व स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालय निर्माण के लिए मिलने वाली शौचालय की प्रोत्साहन राशि के 48000 रुपये अवैध रुप से लिया था.
इस मामले को इसी गांव के एक व्यक्ति ने अनुमंडल लोक शिकायत निवारण केंद्र में मामला दर्ज कराया था. इसके बाद भरखर के 11 लोगों से प्रोत्साहन राशि की रिकवरी प्रशासन द्वारा की गयी थी. इसमें वार्ड सदस्य के पति व ससुर सहित 11 लोगों से 132000 रुपये की रिकवरी की गयी थी.
इस संबंध में पूछे जाने पर डीएम नवदीप शुक्ला ने कहा कि यदि ऐसा है, तो इसकी जांच करायी जायेंगी. इस मामले में जो भी दोषी पाये जायेंगे, उनके विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी.
इस संबंध में पूछे जाने पर डीडीसी कुमार गौरव ने कहा कि भरखर में उक्त पूरे मामले की जांच करायी जायेंगी. दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
ग्रामीणों की बात करें तो सही मायने में इन वृद्धा पेंशनरों ने धरातल पर नहीं बल्कि सिर्फ कागजों पर मजदूरी कर इससे मिलने वाली मजदूरी का कुछ भाग बिचौलियों व संबंधित कर्मी को देते हैं और इस तरह सरकार के लाखों रुपये की मजदूरी के भुगतान के नाम पर अवैध निकासी कर उसका बंटरबाट कर लिया जाता है.
इतना ही नहीं मनरेगा में लगभग 60 प्रतिशत कार्य ऐसे लोग करते हैं, जिन्होंने कभी मजदूरी का मुंह देखा ही नहीं है. लेकिन, कागजों पर किये गये कार्य के एवज में मिलने वाली मजदूरी का 10 प्रतिशत संबंधित कर्मी को भेंट कर दिया जाता है और इस तरह प्रखंड की 18 पंचायतों में करोड़ों रुपये का अवैध भुगतान कर उसका कमीशन लेकर मालामाल हो रहा है.
नाम दिन राशि
डोमा राम 64 12416
सुदर्शन राम 37 7178
रामकेशी राम 16 3104
विपाती देवी 48 9312
ढुनमुन साह 54 10476
बैजनाथ बिंद 04 776
राधा बिंद 56 10864
राजनेती सिंह 48 9312
बुनाला देवी 56 10864
शिवमुनि साह 16 3104
उर्मिला देवी 16 3104
नगीना सिंह 15 2910
बुधिया देवी 16 3104
पार्वती देवी 28 5432
हरदेव राम 48 9312
मराही देवी 32 6208
नन्हकू चौधरी 32 6208
शेर चौधरी 14 2716
लालू पासी 32 6208
रामगहन राम 54 10476
रघुबर शर्मा 21 4074
कालीचरण राम 28 5432
मराछी देवी 35 6780
मदन प्रसाद 32 6208
Posted by Ashish Jha