Prabhat Khabar EXCLUSIVE : बिहार में वेटलैंड ऑथोरिटी बनाने की कवायद शुरू, 12 जिलों के 26 बड़े जलाशयों के बनेंगे हेल्थ कार्ड

राज्य सरकार प्रदेश के 12 जिलों में स्थित 26 जलाशय/तालों (वेट लैंड) के हेल्थ कार्ड बनाने जा रही है. यह वैसे ही कार्ड होंगे, जैसे किसी व्यक्ति का या सॉयल हेल्थ कार्ड बनाये जाते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | April 26, 2021 10:45 AM

राजदेव पांडेय, पटना. राज्य सरकार प्रदेश के 12 जिलों में स्थित 26 जलाशय/तालों (वेट लैंड) के हेल्थ कार्ड बनाने जा रही है. यह वैसे ही कार्ड होंगे, जैसे किसी व्यक्ति का या सॉयल हेल्थ कार्ड बनाये जाते हैं. इसमें तालों के पानी की सेहत से लेकर उसके प्राकृतिक स्वरूप और पर्यावरणीय संतुलन में उसकी क्षमता का भी आकलन किया जायेगा.

हेल्थ कार्ड बनाये जाने के बाद तालों की दशा-दिशा सुधारने की कवायद की जायेगी. इस हेल्थ कार्ड के साथ-साथ जलाशयों के अासपास की सामाजिक और आर्थिक प्रोफाइल भी तैयार की जानी है.

दरअसल तालों की सेहत को सुधारने के लिए सेंटर फॉर इन्वायरमेंट एनर्जी एंड क्लाइमेट चेंज (आद्री ), इस दिशा में अनुसंधान में लगे कुछ संगठनों एवं वेट लैंड अॉथोरिटी ने एक रोड मैप तैयार किया है. पहले चरण में जिन 21 तालों के हेल्थ कार्ड बनाये जा रहे हैं,उनका कुल रकबा 8677 हेक्टेयर है.

इससे पहले राज्य सरकार ने जिला पदाधिकारियों के जरिये वेट लैंड मैनेजमेंट प्लान बनवाया था, जिसमें कई तकनीकी खामियां थीं. लिहाजा हेल्थ कार्ड बनाये जाने का निर्णय लिया गया है. इस दिशा में काम शुरू किया जा चुका है.

वेट लैंड को अपने पुराने स्वरूप में लौटाने का यह काम मुख्यमंत्री की बहुचर्चित जल-जीवन-हरियाली अभियान का हिस्सा है. फिलहाल जिन जलाशयों या तालों की सेहत का वैज्ञानिक आकलन किया जा रहा है, उसमें विश्व प्रसिद्ध कांवर झील से लेकर भोजपुर के बहरवार, चरखी तालाब ,बक्सर का कोलिया कलाप, मोतिहारी की मोतीझील, दरभंगा का कासर चोर , वैशाली के ताल और मुजफ्फरपुर के चोर और ताल शामिल हैं.

हेल्थ कार्ड बनाने के इस कार्यक्रम से पश्चिमी विज्ञान के एक्सपर्ट के साथ-साथ वैदिक विज्ञान के जानकार भी शामिल हैं, जिनका मानना है कि जलाशय लिविंग इकोलॉजी का हिस्सा हैं. दरअसल वेट लैंड अथॉरिटी की मंशा है कि इन वेट लैंड्स को सुधार कर न केवल प्रदेश की आबोहवा को सुधारा जा सकता है, बल्कि इससे क्लाइमेंट चेंज के हानिकारक असर को भी कम किया जा सकेगा. लोगों की आर्थिक दशा में भी सुधार हो सकेगा.

एक नजर में वेट लैंड्स और उनकी स्थिति

जिला वेट लैंड का नाम रकबा हेक्टेयर में

बेगूसराय कांवर ताल, बसही और एकंबा 2634

भोजपुर बहरवार 423

भोजपुर चरखी 293

बक्सर कोलिया कलाप 710.78

दरभंगा कांसर चौर 78

दरभंगा लानल झील 264

दरभंगा महपारा 147

कटिहार गाजाबील और बघार बिल 138

मोतिहारी मोतीझील और करैया मान 258.10

मुजफ्फरपुर बनियारा राही 115

मुजफ्फरपुर कोटियाशरीफ 215

मुजफ्फरपुर मोनिका मान 206

समस्तीपुर देबखल चौर 239

सारण एतनागर मान 261

सारण मिर्जापुर, बहियारा 550

सीवान सुरालिया चौर 132

वैशाली महमदपुर 140

वैशाली मिश्रौलिया 85

वैशाली सालह चौर 504

वैशाली ताल बैराला 1016

पश्चिमी चंपारण लाल सरैया 269

सेंटर फॉर इन्वायरमेंट एनर्जी एंड क्लाइमेट चेंज के डिप्टी डायरेक्टर विवेक तेजस्वी ने कहा कि वेट लैंड के कायाकल्प और प्रबंधन का रोड मैप बनाया गया है. बिहार के वेट लैंड दूसरी जगहों की तुलना में ज्यादा अच्छे हैं क्योंकि औद्योगिक व दूसरी तरह की गंदगी इनमें नहीं है. राज्य सरकार इस दिशा में गंभीरता से काम कर रही है. इस कार्य से राज्य की फ्लैगशिप स्कीम मसलन हर खेत और हर घर को पानी और नल जल योजनाओं को काफी मदद मिलेगी.

Posted by Ashish Jha

Next Article

Exit mobile version