संजय कुमार अभय, गोपालगंज. सिविल कोर्ट गोपालगंज में 11 नोटरी का लाइसेंस 2017 से 19 के बीच एक्सपायर हो चुके हैं. महज तीन नोटरी के ही लाइसेंस ही वर्ष 2022 व 23 तक हैं. इसके बाद भी जिनके लाइसेंस रिन्युअल नहीं है, वे नोटरी प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में एफिडेविट कर रहे हैं.
आम लोगों व अधिवक्ताओं को जानकारी नहीं होने से वे एक्सपायर लाइसेंस वाले नोटरी से एफिडेविट कराते रहे हैं, जबकि इनके माध्यम से किये गये एफिडेविट कानूनी रूप से मान्य नहीं हो सकते हैं.
इसके बाद भी बगैर एक्सपायर लाइसेंस वाले नोटरी उपभोक्ता अदालत में मुकदमों का शपथपत्र, अनुकंपा की नौकरी में परिवार का एफिडेविट, जन्म प्रमाणपत्र, निवास प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र, क्रीमी लेयर, गैस कनेक्शन, बिजली कनेक्शन, भू-स्वामित्व प्रमाणपत्र, बैकों को दिये जाने वाले अभिलेखों, शैक्षणिक संस्थानों, नाम परिवर्तन, आपसी समझौता, सरकारी व गैर सरकारी कार्यों के लिए एफिडेविट प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में कर रहे हैं.
न तो प्रशासन की ओर से कभी इस पर ध्यान दिया गया और न कभी कोर्ट की ओर से. इसका फायदा नोटरी उठाते रहे हैं.
बिहार सरकार के विधि विभाग से गोपालगंज जिले में नोटरी सूर्यदेव तिवारी का लाइसेंस 30 जुलाई 2017 तक वैध था. उसी प्रकार गोपालगंज में म जलालुद्दीन अंसारी का लाइसेंस 11 जनवरी 2015, ललन सिंह का निधन हो चुका है.
चंद्र भूषण तिवारी का 17 जनवरी 2019 तक वैध था. अनिल कुमार का 15 अगस्त 1999, प्रभुनाथ सिंह का 26 दिसंबर 2017, रामाशंकर रावत का 3 सितंबर 2019, देवेंद्र कुमार यादव का 24 सितंबर 2017, जफर इमाम का 24 सितंबर 2017, अवधेश किशोर सिंह का 24 सितंबर 2017, राम बिलास मांझी का 24 सितंबर 2017 तथा अनिल कुमार पांडेय का लाइसेंस 24 सितंबर 2017 तक ही वैध बताया गया है. उसके बाद इनका लाइसेंस रिन्युअल नहीं हुआ है.
बिहार सरकार के विधि विभाग से जारी रिपोर्ट में अधिवक्ता मनोज कुमार का 24 सितंबर 2022, महातमा कुमार पाठक का 24 सितंबर 2022 अनिल कुमार तिवारी का नोटरी लाइसेंस 25 दिसंबर 2023 तक वैध बताया गया है.
जिला प्रशासन की ओर से देवेंद्र कुमार यादव तथा रामबिलास मांझी के लाइसेंस के रिन्युअल के लिए 12 नवंबर 20 को बिहार सरकार के विधि विभाग को अनुशंसा की गयी है. डीएम अरशद अजीज की तरफ से की गयी अनुशंसा पर विधि विभाग ने अभी अधिसूचना जारी नहीं किया है.
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक मिथिलेश तिवारी की ओर से आरटीआइ के तहत मांगी गयी सूचना के जवाब में बिहार सरकार के विधि विभाग ने बताया है कि बैकुंठपुर के राजद विधायक प्रेम शंकर प्रसाद ने जिस नोटरी अधिवक्ता पीएन सिंह से नामांकन के दौरान एफिडेविट बनवाया.
उनका रजिस्ट्रेशन नं 8182-जे एफिडेविट पर दर्ज है, जबकि विधि विभाग में गोपालगंज सिविल कोर्ट में प्रभुनाथ सिंह का रजिस्ट्रेशन नं 3536-जे दिनांक 15.5.2013 को जारी हुआ, जो 26.12.2017 को एक्सपायर कर गया है. इसी के साथ लाइसेंस एक्सपायर का मामला सामने आया है.
विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष प्रेमनाथ मिश्र ने बताया कि नोटरी के लाइसेंस के एक्सपायर होने की जानकारी संघ को नहीं मिली है. इसके पूर्व में एक-दो लोगों का आया था तो उनको सूचना दी गयी थी कि वे अपना लाइसेंस रिन्युअल करा लें. अगर एक्सपायर लाइसेंस से एफिडेविट किया गया है, तो नियमानुकूल नहीं है.
डीएम अरशद अजीज ने बताया कि नोटरी का लाइसेंस रिन्युअल नहीं है और वे एफिडेविट कर रहे हैं, तो यह अपराध है. इसकी जांच कर नियमानुकूल एक्शन लिया जायेगा. कानूनन ऐसा नहीं होना चाहिए. कानून सबके लिए बराबर है.
Posted by Ashish Jha