Prabhat Khabar EXCLUSIVE : बिहार में महंगी होगी जमीन की रजिस्ट्री, कई शहरों में बढ़ सकता है सर्किल रेट
राज्य के कई शहरों में जमीन के सर्किल रेट में इजाफा हो सकता है. नये नगर निकायों के गठन के बाद राज्य में बढ़े शहरीकरण के बाद इसको लेकर मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग में मंथन शुरू हुआ है.
अनिकेत त्रिवेदी, पटना. राज्य के कई शहरों में जमीन के सर्किल रेट में इजाफा हो सकता है. नये नगर निकायों के गठन के बाद राज्य में बढ़े शहरीकरण के बाद इसको लेकर मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग में मंथन शुरू हुआ है.
जानकारी के अनुसार शनिवार को विभागीय मंत्री सुनील कुमार निबंधन पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक करेंगे. इसमें सर्किल रेट बढ़ाने को लेकर विचार होने की संभावना है.
निबंधन पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के बाद डीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी बनेगी. यह कमेटी प्रस्ताव तैयार कर विभाग को भेजेगी. इसके बाद विभाग स्तर पर इसके लिए निर्णय लिया जायेगा. फिर आगे कैबिनेट की मुहर के बाद लागू किया जायेगा.
निबंधन विभाग राजस्व वसूली के लक्ष्य को बढ़ाने का प्रयास कर रहा है. संभावना है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में निबंधन शुल्क के रूप में 5000 करोड़ से अधिक राजस्व वसूलने का लक्ष्य रखा जाये.
जानकार बताते हैं कि वर्ष 2019-20 में विभाग ने 4700 करोड़ राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा गया था. कोरोना के कारण वित्तीय वर्ष 2020-21 में भी राजस्व वसूली का लक्ष्य 4700 हजार करोड़ ही रखा गया है.
चालू वित्तीय वर्ष में कोरोना के कारण हर महीने निबंधन शुल्क की प्राप्ति माइनस प्रतिशत में ही रही है. इसके बाद से विभाग के 31 मार्च तक प्रत्येक रविवार को भी निबंधन कार्यालय खुले रहने का निर्देश दिया है.
मंत्री ने की मद्यनिषेध की समीक्षा
पदभार ग्रहण करने के बाद विभागीय मंत्री लगातार विभिन्न इकाइयों की समीक्षा कर रहे हैं. पहले निबंधन इकाई और फिर उत्पाद के बाद शुक्रवार को उन्होंने आइजी, मद्यनिषेध के साथ बैठक की. मंत्री ने कार्रवाई के लिए कई आवश्यक निर्देश दिये.
पिछली बार 2013 में बढ़ा था सर्किल रेट
राज्य में लंबे समय से सर्किल रेट बढ़ाने की चर्चा चल रही है. पिछली बार वर्ष 2013 में सर्किल रेट बढ़ाया गया था. इसके बाद वर्ष 2016 में सर्किल रेट में संशोधन हुआ. इसके बाद कई इलाकों में सर्किल रेट बढ़ा और कई इलाकों का सर्किल रेट घट गया. उसके बाद से कोई परिवर्तन नहीं हुआ है.
कोरोना के चलते 2020-21 में रजिस्ट्री से काफी कम राजस्व
माह लक्ष्य राजस्व प्राप्ति
अप्रैल 320 करोड़ 4.31 करोड़
मई 380 करोड़ 60.46 करोड़
जून 410 करोड़ 334 करोड़
जुलाई 410 करोड़ 259 करोड़
अगस्त 360 करोड़ 278 करोड़
सितंबर 320 करोड़ 438 करोड़
अक्तूबर 320 करोड़ 334 करोड़
नवंबर 420 करोड़ 284 करोड़
Posted by Ashish Jha