Prabhat Khabar EXCLUSIVE : बिहार में निजी बोरिंग कराने से पहले अब लेना होगा लाइसेंस, वर्ना भरना होगा जुर्माना, नियमावली तैयार

बिहार में भूमिगत जल के बेतहाशा दोहन पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है. अब राज्य भर में निजी बाेरिंग कराने से पहले लोगों को इसका लाइसेंस लेना जरूरी होगा.

By Prabhat Khabar News Desk | December 15, 2020 2:34 PM

Prabhat Khabar EXCLUSIVE : प्रह्लाद कुमार, पटना . बिहार में भूमिगत जल के बेतहाशा दोहन पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है. अब राज्य भर में निजी बाेरिंग कराने से पहले लोगों को इसका लाइसेंस लेना जरूरी होगा.

राज्य सरकार के निर्देश पर लघु जल संसाधन विभाग ने संशोधित नियमावली तैयार की है, जिसे कैबिनेट में स्वीकृति के लिए भेजा जायेगा. अधिकारियों के मुताबिक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में जल संकट को देखते हुए अनियंत्रित ढंग से की जा रही बाेरिंग को रोकने के लिए नियमावली बनाने का निर्देश दिया था.

पूर्व में इस संबंध में बनी नियमावली में कड़े प्रावधान थे, जिसमें हल्का संशोधन करने को कहा गया था. इसके बाद दोबारा से यह तैयार की गयी है, जिसका पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन भी हो चुका है.

यह ड्राफ्ट लघु जल संसाधन विभाग ने केंद्रीय ग्राउंड वाटर बोर्ड के सहयोग से तैयार किया है. अब अगर कोई जिला प्रशासन से लाइसेंस लिये बगैर बोरिंग करता है, तो उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लग सकता है.

पहले से लगी सभी बोरिंग की होगी मैपिंग, मिलेगा लाइसेंस

पहले से राज्य भर में निजी तौर पर की गयी सभी बोरिंग की मैपिंग होगी, ताकि हर एक बोरिंग का ब्योरा सरकार के पास रहे. पुरानी बाेरिंग में कहां कितनी गहराई है और वहां पानी की स्थिति क्या है, इसका भी ब्योरा रहेगा. मैपिंग के बाद डीएम के स्तर से लाइसेंस देने का ही पूरा प्रावधान रहेगा.

यह हो रही है तैयारी

  • कैबिनेट की मंजूरी के बाद सभी को जिला स्तर पर मिलेगा लाइसेंस.

  • लाइसेंस लिये बिना बोरिंग करने पर जुर्माना होगा, जो 50 हजार से अधिक रहेगा . वाटर डिस्चार्ज की क्षमता के मुताबिक बोरिंग चलाने की होगी अनुमति.

  • मैपिंग में अगर एक ही घर में एक से अधिक बोरिंग होगी, तो अफसरों की टीम उस जगह की रिपोर्ट बनायेगी. साथ ही कोशिश होगी कि एक ही बोरिंग में परिवार का काम चल सके.

  • निजी बोरिंग की निगरानी लघु जल संसाधन विभाग व पीएचइडी दोनों करेंगे. उनके काम का बंटवारा भी किया जायेगा.

निजी बोरिंग का नहीं है कोई आंकड़ा

राज्य भर में सरकारी ट्यूबवेल 10,240 है, लेकिन आंकड़ों के मुताबिक इनमें अभी लगभग 5100 ही काम करते हैं. दूसरी ओर निजी बोरिंग का आंकड़ा किसी विभाग के पास नहीं है. हालांकि, शहरों में अधिकतर घरों में बोरिंग है. कहीं-कहीं एक ही घर में दो-तीन बोरिंग भी है.

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Posted by Ashish Jha

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