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EXCLUSIVE: पाकिस्तान से रिहा बिहार के सीताराम झा की कहानी बनी पहेली, 18 साल बाद चौंकाने वाली हकीकत सामने

EXCLUSIVE: बिहार के भागलपुर निवासी सीताराम झा का इंतजार आज भी उनके स्वजनों को है. सीताराम झा को पाकिस्तान की जेल से रिहा करके भारत को सौंप दिया गया था. लेकिन आज 18 वर्षों से उनकी बूढ़ी मां इंतजार ही कर रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 25, 2022 11:28 AM

संजीव कुमार झा, भागलपुर

मदारगंज के लोगों की दिनचर्या हर रोज की तरह शुरू हुई. वहीं 70 वर्षीया वृद्धा उषा देवी के दिन की शुरुआत भी हर रोज की तरह इसी सवाल से हुई कि ‘कहां छै हमरो बेटा सीताराम?’ लेकिन दुर्भाग्य यह कि हर रोज की तरह आज भी उनके इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है.

70 वर्षीया मां कर रहीं इंतजार

इस सवाल का जवाब न भारत सरकार के पास है और न पाकिस्तान सरकार के पास. दो सरकारों के बीच यह सवाल खड़ा है. दोनों देश के सैनिकों के सामने यह सवाल खड़ा है. दूसरी तरफ 70 वर्षीया उषा देवी अपनी सांस की डोर थामे हुए है, ताकि बेटे को देख लूं और इस संसार से मोह-माया का डोर छोड़ दूं. उस बेटे को देख लूं, जिसके साथ ‘दर्द’ का रिश्ता है. कम से कम भगवान के घर भी ये दर्द लेकर तो नहीं जाना होगा कि अपने बेटे का अंतिम समय में भी मुंह नहीं देखा. आगे भगवान की मर्जी.

उम्मीद आज भी जिंदा

उषा देवी को आज भी उम्मीद है कि उसका लाल घर जरूर लौटेगा. बेटे के लिए वह एसएसपी से लेकर गृह मंत्रालय तक कई बार गुहार लगा चुकी है. उनके बरारी निवासी परिजन मुकेश कुमार ने सूचना के अधिकार के तहत सीताराम की जानकारी भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों व विभागों से प्राप्त की, तो इस बात के साक्ष्य प्राप्त हुए कि सीताराम को पाकिस्तान सरकार ने भारत सरकार को सौंप दिया है.

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गुरुवार को कहानी में आया नया मोड़

गुरुवार को कहानी में नया मोड़ तब आया, जब सीताराम झा के रिश्तेदार बरारी निवासी मुकेश कुमार (सीताराम की वापसी के लिए लगातार सरकार से पत्राचार करनेवाले) को पंजाब के अमृतसर स्थित सीमा सुरक्षा बल के क्षेत्रीय मुख्यालय से एक इ-मेल प्राप्त हुआ. इस पत्र में सीमा सुरक्षा बल के डीआइजी ने लिखा है कि उन्होंने सीताराम झा की भारत वापसी के संबंध में ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन विभाग से पूछा था.

उनके द्वारा बताया गया कि उनके दस्तावेजों के अनुसार सीताराम झा नामक एक कैदी को 31 अगस्त 2004 को पाकिस्तान से प्राप्त नहीं किया गया था, जबकि इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायुक्त (शाल एंड वीजा) एसके रेड्डी की पत्र संख्या आइएफएल/ सीओएनएस/ 411/01/2008 के अनुसार 31 अगस्त 2004 को 36 कैदियों को पाकिस्तान सरकार ने भारत सरकार को वाघा बॉर्डर पर सौंपा था, इन कैदियों में सीताराम झा भी शामिल थे.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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