गोविंद कुमार, गोपालगंज . सदर अस्पताल के एकमात्र ब्लड बैंक को खुद ही खून चढ़ाने की जरूरत है, क्योंकि यहां जरूरत के मुताबिक ब्लड बैंक में ब्लड का स्टॉक नहीं है.
कोरोना काल में महज छह यूनिट ब्लड के भरोसे ब्लड बैंक चल रहा है. आइएसओ प्रमाणित मॉडल सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में 1500 यूनिट ब्लड रखने की क्षमता है.
रेडक्रॉस सोसाइटी द्वारा संचालित ब्लड बैंक की अधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक चार ग्रुप के छह यूनिट ब्लड ही उपलब्ध है. एबी-निगेटिव, एबी-पॉजिटिव, ओ-निगेटिव आदि ग्रुप के ब्लड नहीं होने से मरीजों के ऑपरेशन दो दिनों से टाले जा रहे हैं. तीन मरीजों का ऑपरेशन रूका हुआ है. ब्लड की कमी होने के कारण हर रोज मरीज रेफर किये जा रहे हैं.
ब्लड ग्रुप मौजूद
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A+ 02 यूनिट
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A- 01 यूनिट
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B+ 02 यूनिट
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B- 03 यूनिट
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AB+ 00 यूनिट
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AB- 00 यूनिट
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O+ 00 यूनिट
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O- 01 यूनिट
कुल 06 यूनिट
सदर अस्पताल के ब्लड बैंक प्रभारी डॉ पीसी सिन्हा बताते हैं कि रोजाना औसतन आठ से 10 यूनिट की खून की जरूरत पड़ती है. यहां के ब्लड बैंक में अधिकतम 1500 यूनिट ब्लड स्टोर की सुविधा है. फिलहाल छह यूनिट यूनिट ब्लड है.
स्वतंत्रता सेनानी स्व. कमला बाबू के पोता रजत राय ने शुक्रवार को सदर अस्पताल में 58वीं बार रक्तदान की. स्वैच्छिक रक्तदान के बाद देश प्रेमी रक्तदान सेवा समिति के नन्हूजी प्रसाद ने बताया कि र रजत राय को रक्तदान करने की प्रेरणा बनारस यूनिवर्सिटी से मिली. रजत को जान बचाने के लिए रक्तदान का सैकड़ा पार करने की इच्छा है.
यदि आप स्वस्थ हैं और आपकी उम्र 18 से 60 साल के बीच है, तो आप किसी की जिंदगी बचाने के लिए रक्तदान कर सकते हैं. ‘प्रभात खबर’ आपसे यह अपील करता है. ब्लड बैंक में स्वैच्छिक रक्तदान कर सकते हैं. रक्तदान करनेवाले लोगों को रेडक्रॉस सोसाइटी की ओर से रक्तदाता कार्ड मिलेगा, जिससे आप देश भर के किसी भी ब्लड बैंक से एक साल के अंदर जरूरत पड़ने पर ब्लड ले सकते हैं.
Posted by Ashish Jha