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Prabhat Khabar EXCLUSIVE : कोरोना से घटी आमदनी, बढ़ी महंगाई, आम से खास तक परेशान, जानिये दवा से दूध तक कितने हुए महंगे

खाद्य सामग्रियों की कीमतों ने आम लोगों को परेशान कर रखा है. लोगों को हर माह घर के बजट में कटौती करनी पड़ रही है. पिछले एक साल में आम आदमी का खर्च 15 से 25% तक बढ़ गया है.

सुबोध कुमार नंदन, पटना. महंगाई से आम लोग से लेकर खास लोग तक त्रस्त हैं. कोरोना के कारण कामकाजी परिवारों की आमदनी में कमी आयी है. लेकिन, महंगाई रुकने का नाम नहीं ले रही है. विशेषकर खाद्य सामग्रियों की कीमतों ने आम लोगों को परेशान कर रखा है. लोगों को हर माह घर के बजट में कटौती करनी पड़ रही है. पिछले एक साल में आम आदमी का खर्च 15 से 25% तक बढ़ गया है.

महंगाई का असर केवल खाद्य सामग्रियों पर ही नहीं पड़ा है, बल्कि इलाज और यात्रा का खर्च भी बढ़ा है. पिछले एक साल में ही खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में उम्मीद से अधिक इजाफा हुआ है. पांच फरवरी, 2020 से लेकर पांच फरवरी, 2021 तक दाल की कीमत में 10 से 25 रुपये प्रति किलो तक का इजाफा हुआ है. वहीं, सरसों तेल में 30 से 40 रुपये और रिफाइन में 40 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हो चुका है.

खुली चायपत्ती में एक साल में सौ रुपये प्रति किलो तक की बढ़ोतरी हो चुकी है. बिहार खुदरा विक्रेता महासंघ के महासचिव रमेश चंद्र तलरेजा का कहना है कि आने वाले दिनों में दाल की कीमत में और बढ़ोतरी होने की संभावना है. इसके पीछे ईंधन, एलपीजी और खाद्य तेल जैसे बुनियादी वस्तुओं की कीमत बढ़ने और कृषि उपज पर सेस का प्रावधान मुख्य कारण है.

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वहीं, बिहार राज्य खाद्यान्न व्यवसायी संघ के महामंत्री नवीन कुमार ने बताया कि पिछले तीन -चार दिन में दाल के थोक कीमत में सौ रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ोतरी हो चुकी है. इसका असर आने वाले दिनों में खुदरा बाजार में देखने काे मिलेगा.

एलपीजी कॉमर्शियल व घरेलू दोनों सिलिंडर महंगे

आम बजट 2021-22 से पहले एक फरवरी को तेल कंपनियों ने कॉमर्शियल एलपीजी सिलिंडर के दाम बढ़ा दिये. इसके दाम 194.50 रुपये प्रति सिलिंडर बढ़ाये गये थे. इसके बाद इसके दाम 1733 रुपये हो गये. लेकिन, तेल कंपनियों ने चार फरवरी को कॉमर्शियल एलपीजी सिलिंडर के दाम छह रुपये कम कर दिये.

वहीं, चार फरवरी को बिना सब्सिडी वाले एलपीजी सिलिंडर की कीमत में 25 रुपये की बढ़ोतरी कर दी. अब इसकी कीमत 817.50 रुपये हो गयी है. बिहार एलपीजी वितरक संघ के अध्यक्ष डाॅ रामनरेश सिन्हा ने बताया कि पिछले तीन माह से पुरानी ही सब्सिडी लोगों को मिल रही है. सब्सिडी कम मिलने को लेकर आये दिन एजेंसी के प्रबंधक और ग्राहकों में वाद- विवाद होना सामान्य बात हाे गयी है. सरकार को इस मुद्दे पर नीति को स्पष्ट करना चाहिए.

पेट्रोल में ~13.47 और डीजल में ~14.43 महंगा

पिछले एक साल में पेट्रोल की कीमत में 13.47 रुपये और डीजल की कीमत में 14.43 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है. पांच मार्च, 2020 को पेट्रोल 75.91 रुपये प्रति लीटर था, जो पांच फरवरी 2021 को इसकी कीमत 89.38 रुपये प्रति लीटर हो गयी. वहीं, डीजल पांच मार्च, 2020 को 68. 49 रुपये प्रति लीटर था, जो पांच फरवरी को इसकी कीमत 82. 92 रुपये प्रति लीटर हो गयी है.

दवाओं की कीमतें 30 फीसदी तक बढ़ी

जीवनरक्षक दवाओं की कीमत में भी लगातार इजाफा हो रहा है. इसके कारण लोगों को अतिरिक्त मार पड़ रहा है. खासकर बीपी और शुगर की दवाओं की कीमतें भी बढ़ी हैं. दवाओं की कीमतों में लगभग 25 से 30% की बढ़ोतरी हुई है.

बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के संयोजक अमर नाथ वर्मा ने बताया कि पिछले एक -दो माह में शुगर और बीपी की दवाओं की कीमत में 20 से 25% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है. कारोबारियों की मानें तो पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने के कारण खाद्या सामग्रियों की ढुलाई पर असर पड़ा है. इसके कारण भी खाद्य सामग्रियों की कीमत में इजाफा हुआ है.

सुधा दूध तीन रुपये तक महंगा

बिहार स्टेट मिल्क कॉपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड (कॉम्फेड) ने बिहार और झारखंड में सुधा दूध सहित दूध से बने उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी है. दूध के दाम एक से तीन रुपये प्रति लीटर तक बढ़ाये गये हैं. बढ़ी हुई दरें सात फरवरी से प्रभावी होंगी. हालांकि, सुधा के कप और जार पैक दही और टेट्रा पैक फ्लेवर्ड मिल्क की दरों में कोई वृद्धि नहीं की गयी है. साथ ही दुग्ध उत्पादकों के प्रयोग के लिए कॉम्फेड द्वारा उत्पादित पशु आहार की दरों में कोई वृद्धि नहीं की गयी है.

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कॉम्फेड के मुताबिक दूध की कीमतों में यह वृद्धि डेढ़ साल बाद हुई है. इससे पहले नवंबर, 2019 में बढ़ोतरी की गयी थी. कॉम्फेउ का कहना है कि बिजली, पेट्रोलियम पदार्थों, पॉलिथिन फिल्म व मानव बल सहित अन्य खर्चों में वृद्धि हुई है. साथ ही अन्य सरकारी डेयरी ब्रांडों ने भी उत्पादों की दरों में राष्ट्रव्यापी वृद्धि की है. इसके चलते सुधा दूध के दाम में बढ़ोतरी की बाध्यता हो गयी है.

कॉम्फेड की प्रोग्रामिंग समिति ने लिया बढ़ोतरी का निर्णय

कॉम्फेड के मुताबिक दुग्ध उत्पादकों द्वारा लागत मूल्य में वृद्धि होने के कारण दूध की खरीद दरों में वृद्धि करने की मांग लगातार की जा रही थी. इसके बाद कॉम्फेड की प्रोग्रामिंग कमेटी ने सभी दुग्ध संघों के एमडी व अध्यक्षों के साथ बैठक कर दूध संग्रहण दर और पैकेट बंद दूध के उपभोक्ता दर में बढ़ोतरी का निर्णय लिया है. समितियों के माध्यम से दूध की खरीद दर में 11 फरवरी के प्रभाव से वृद्धि होगी.

दुग्ध उत्पादकों को भुगतान की नयी दरें तय

कॉम्फेड ने बताया कि दूध की खरीद दर में अलग-अलग फैट और अलग-अलग एसएनएफ के लिए 2.43 रुपये प्रति लीटर तक वृद्धि की गयी है. दूध उत्पादकों के लिए नयी दर के अनुसार दूध के मूल्य में औसतन 1.36 रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी की गयी है.

चार फीसदी फैट और 8.5 फीसदी एसएनएफ दूध के लिए समिति स्तर पर उत्पादक क्रय मूल्य 30.74 रुपये प्रति किलो, 4.5 फीसदी फैट और 8.5 फीसदी एसएनएफ दूध की उत्पादक दर अब 32.74 रुपये प्रति किलो और 6.1 फीसदी फैट व 9 फीसदी एसएनएफ के दूध की उत्पादक दर अब 39.57 रुपये प्रति लीटर होगी. इसके अतिरिक्त दूध के मूल्य का लगभग 0.5 फीसदी समिति सचिव के मार्जिन में सशर्त वृद्धि की गयी है. यह प्रति लीटर लगभग 15 से 20 पैसे होगी.

अन्य उत्पाद

उत्पाद पैक साइज (वर्तमान/नया दर)

  • घी 500 मिली पाउच 230/250 रुपये

  • पनीर 200ग्राम 68/70 रुपये

  • मिल्क केक/पेड़ा 250ग्राम 90/100 रुपये

  • मक्खन 100 ग्राम 46/48 रुपये

  • गुलाबजामुन एक किलो टिन 210/220 रुपये

  • बालूशाही एक किलो टिन 200/220 रुपये

  • रसगुल्ला एक किलो टिन 200/210 रुपये

Posted by Ashish Jha

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