प्रभात खबर किसान सम्मान : कृषि से ही बची उम्मीदें, बोले अमरेंद्र – किसानों ने अभिशाप को बनाया वरदान

कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि कृषि ही एकमात्र क्षेत्र है जिससे सभी की उम्मीद बची है. बिहार का दुर्भाग्य था कि उसका बंटवारा हो गया. बावजूद इसके यहां के किसानों ने अपनी मेहनत से तरक्की हासिल कर इस अभिशाप को वरदान में बदल दिया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 17, 2022 9:48 PM

पटना. कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि कृषि ही एकमात्र क्षेत्र है जिससे सभी की उम्मीद बची है. बिहार का दुर्भाग्य था कि उसका बंटवारा हो गया. बावजूद इसके यहां के किसानों ने अपनी मेहनत से तरक्की हासिल कर इस अभिशाप को वरदान में बदल दिया. खेती- किसानी का बिहार की अर्थव्यवस्था में 18 फीसदी योगदान है. 2022 तक हर खेत को पानी पहुंचने से हर हाथ को काम मिलने लगेगा. जल्द ही किसान आत्मनिर्भर होंगे. पीएम मोदी किसानों के छोटे- छोटे हित का ध्यान रख रहे हैं. 1.85 करोड़ किसानों को पीएम निधि का लाभ मिल रहा है.

अब दूसरे मीडिया समूह भी प्रेरणा लेंगे

कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह बामेति में शुक्रवार को प्रभात खबर द्वारा आयोजित किसान सम्मान समारोह सह किसान मेले को संबोधित कर रहे थे. विभिन्न जिलों के किसानों को प्रेरित करने के लिए प्रभात खबर द्वारा सम्मान दिये जाने की प्रशंसा करते हुए कहा कि अब दूसरे मीडिया समूह भी प्रेरणा लेंगे. कृषि क्षेत्र की खबरों में सकारात्मक नजरिया अपनाने की सलाह देते हुए कहा कि मीडिया चूक- खामियां इस तरह उजागर करे कि सरकार भूल सुधार सके. सकारात्मक खबरों का लाभ अधिक है. किसान इससे प्रेरित होते हैं.

गांधी के सपने को साकार करना है
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सरकार की कार्य- योजनाओं और कृषि में आने वाले बदलाव को किसानों तक पहुंचाने की जरूरत है. महात्मा गांधी के जिस ग्राम स्वराज की कल्पना की थी वैसा बिहार तभी होगा जब कृषि क्षेत्र पूरी तरह से मजबूत कर दिया जाये. कृषि मंत्री ने भागलपुर में सेब की खेती, जलवायु अनकूल खेती, एग्रो एक्सपोर्ट आदि से आये बदलाव को सराहा. साथ ही आगाह किया कि किसान उर्वरक- कीटनाशी की खपत कम करें ताकि लोग बीमार न हों. फसल अवशेष प्रबंधन पर भी विचार रखे.

बैंक न करें किसानों के एनपीए की चिंता

कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने बैंकों को नसीहत दी है कि वह किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) देने में लापरवाही न बरतें. किसानों के नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) की चिंता न करें. बैंक सार्वजनिक करें कि किसानों से कितना एनपीए हुआ? बड़े लोग बैंक से जो लोन लेते हैं वह एनपीए होता है. किसान नहीं बड़े लोग बैंक को धोखा देते हैं.

विपरीत परिस्थिति में कृषि क्षेत्र को विकसित कर रहे

अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में देश और सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में कृषि क्षेत्र को मजबूती मिली है. 2006 से पहले कृषि क्षेत्र की क्या स्थिति थी, बस जानते हैं. किस विपरीत परिस्थिति में कृषि को यहां तक लायें हैं, सभी देख रहे हैं. कृषि शिक्षा, पशु चिकित्सा आदि क्षेत्र में हुए विकास को गिनाते हुए कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में नये भारत का निर्माण हो रहा है. मनमोहन सरकार में इथेनाल बनाने की मंजूरी न मिलने से बिहार में पैदा की गयी 35 लाख टन मक्का का मुनाफा दूसरे राज्य ले रहे थे.

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