पटना. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (जलछाजन विकास) का दक्षिणी बिहार के सभी जिलों में विस्तार किया जायेगा. बिहार सरकार केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को इसके लिए प्रस्ताव भेजने जा रही है.
कृषि, सहकारिता एवं गन्ना उद्योग मंत्री अमरेंद्र प्रताप ने शुक्रवार को भूमि संरक्षण और उद्यान निदेशालय के काम की समीक्षा कर अधिकारियों को यह आदेश दिया़ अभी यह योजना बांका, जमुई, मुंगेर, नवादा, गया, कैमूर, औरंगाबाद एवं रोहतास जिलों में चलायी जा रही है.
मंत्री ने निर्देश दिया कि सभी जिलों में भूमि संरक्षण के कार्यों में तेजी लायी जाये. भूमि संरक्षण निदेशालय के अंतर्गत स्वीकृत कुल 180 पदों के विरुद्ध रिक्त 140 पदों पर बहाली की जाये. किसानों को स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्रों से भी जोड़ा जाये.
कृषि मंत्री को बताया गया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (जलछाजन विकास) अंतर्गत रोहतास जिला की उपलब्धि 36.89 %, औरंगाबाद 41.38 % तथा बांका जिले की उपलब्धि 49.85 प्रतिशत है़
मंत्री ने कहा कि हरित क्रांति योजना एवं भूमि एवं जल संरक्षण की योजना में बची राशि को कार्य योजना बनाकर खर्च किया जाये़ चेक डैम आदि संरचनाओं के निर्माण स्थल के बगल में अतिरिक्त पानी को रिचार्ज वेल (सोख्ता) बनाकर उसमें अधिक पानी को बहने से रोक कर उसी में पानी बहाया जाये, ताकि भू-जल स्तर में सुधार हो सके़
गणेश कुमार, निदेशक, भूमि संरक्षण द्वारा भूमि संरक्षण निदेशालय ने बताया गया कि वर्षा जल को संरक्षित कर बरसात के बाद उस जल से सिंचाई एवं पेयजल आदि के रूप में उपयोग करने में भूमि संरक्षण निदेशालय बेहतर काम कर रहा है. डॉ एन सरवण कुमार, सचिव, नंद किशोर, निदेशक, उद्यान भी मौजूद रहे.
ये हैं दक्षिण में स्थित : दक्षिण बिहार भारत के बिहार राज्य कि गंगा नदी के दक्षिण में स्थित भू-भाग है़ पटना, गया, औरंगाबाद, नवादा , नालंदा जहानाबाद, अरवल, कैमूर, रोहतास, शेखपुरा, लखीसराय, जमुई, भोजपुर, बक्सर, मुंगेर, बांका, भागलपुर.
Posted by Ashish Jha