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नीतीश कुमार व तेजस्वी की नई दोस्ती के बीच अलग सियासी जमीन तैयार कर रहे हैं pk, पढ़ें स्पेशल रिपोर्ट

बिहार में महागठबंधन की सरकार की नई कमेटी का गठन आगामी 16 अगस्त को होना है. इन सब के बीच बिहार की राजनीति पर पैनी नजर बनाए रखने वाले चुनावी रणनीतिकार अपनी अलग सियासी जमीन तैयार करने में मशगूल हैं. 2024 में अपनी चुनावी पार्टी बना सकतें है (pk) प्रशांत किशोर. पढ़े क्या है पीके का बिहार प्लान...

Bihar politics News: बिहार में जदयू और भाजपा की राहें अलग होने के बाद नीतीश कुमार नई सराकर बना चुके हैं. बिहार में महागठबंधन की सरकार की नई कमेटी का गठन आगामी 16 अगस्त को होना है. इन सब के बीच बिहारबिहार की राजनीति पर पैनी नजर बनाए रखने वाले चुनावी रणनीतिकार और कभी नीतीश कुमार के साथ काम कर चुके प्रशांत किशोर भी सक्रिय राजनीति में उतरने के लिए जमीन तैयार कर रहे हैं. और उनका अगला लक्ष्य 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव है. पीके इन दिनों अपनी पार्टी खड़ी करने की तैयारियों में जुटे हुए हैं.

2024 के मध्य तक अस्तित्व में आ सकती है पार्टी

सूत्रों के अनुसार, प्रशांत किशोर की राजनीतिक पार्टी 2024 के मध्य तक अस्तित्व में आ सकती है. माना जा रहा है कि इसके बाद वह 2025 बिहार विधानसभा चुनाव में भी उतर सकते हैं. पीके और उनकी टीम इस साल मई में शुरू किए गए ‘जन सुराज’ यात्रा के जरिए पीके ने अपनी पार्टी को आकार देना शुरू कर दिया है. जिसको लेकर उन्होंने दावा है कि बिहार को एक ऐसा राजनीतिक विकल्प देने का प्रयास है जो जाति की राजनीति से ऊपर बिहार के पिछड़ेपन के पीछे के कुछ मूल मुद्दों तक पहुंच सके.

150-200 जनसभाएं कर चुके हैं pk

पार्टी खड़ी करने की कवायद के बीच प्रशांत किशोर बिहार के विभिन्न जिलों में लगभग 150-200 जनसभाएं कर चुके हैं. अब पीके की टीमआगामी 2 अक्टूबर से शुरू होने वाली पदयात्रा के दौरान पूरे राज्य का दौरा करेंगे और लोगों से मिलने के लिए हर पंचायत और ब्लॉक तक पहुंचेंगे. प्रशांत किशोर के अनुसार, पदयात्रा के डेढ़ साल में पूरा होने की उम्मीद है, जिसके बाद पार्टी का ऐलान किया जाएगा. जानकारी के अनुसार सूत्रों ने पीके की यात्रा का उद्देश्य न केवल लोगों की समस्याओं को समझना है. बल्कि राज्य भर से सही लोगों की पहचान करना भी है, जिन्हें राजनीति में लाया सके.

सियासी सर्वे कर रही है पीके की टीम

जानकारी के मुताबिक प्रशांत किशोर और उनकी टीम ने पूरे राज्य में एक सर्वे किया है. जहां उन्होंने पाया कि बिहार में 67 प्रतिशत लोग मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था का विकल्प चाहते हैं और वे 30 सालों की पिछली सरकारों से संतुष्ट नहीं हैं. विकल्प की तलाश करने वालों में से 30 प्रतिशत 20 से 35 वर्ष की उम्र के युवा थे. इसके बाद, पीके ने उनके साथ आने के इच्छुक लोगों के लिए एक फोन नंबर जारी किया. प्रशांत किशोर की टीम के मुताबिक बीते 2 मई को जब यह अभियान शुरू हुआ तो 17000 लोगों ने इस नंबर पर कॉल किया और वर्तमान में यह संख्या 75000 पहुंच गई है.

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