बिहारियों को शराबी बनाना चाहते हैं प्रशांत किशोर, शराबबंदी खत्म करने के वादे पर BJP का निशाना
BJP : प्रशांत किशोर के शराबबंदी से बैन हटाने पर बीजेपी ने कहा कि ऐसा लगता है कि वह (प्रशांत किशोर) पूरे बिहार को शराबी बनाना चाहते हैं.
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने जन सुराज अभियान को राजनीतिक दल में परिवर्तित कर दिया. इस दौरान पटना के वेटनरी ग्राउंड में जनसभा को संबोधित करते हुए पीके ने कहा कि अगर 2025 के विधानसभा चुनाव में जन सुराज की सरकार बनती है तो राज्य में 2016 से लागू शराबबंदी को खत्म कर देंगे. इसके साथ ही शराब से होने वाली कमाई को बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर खर्च करेंगे. वहीं, अब उनके इस बयान पर अब बीजेपी की प्रतिक्रिया आई है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने प्रशांत किशोर के इस वादे पर हमला बोला है.
बिहारियों को शराबी बनाना चाहते हैं प्रशांत किशोर- शाहनवाज हुसैन
शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए शाहनवाज हुसैन ने कहा कि प्रशांत के ऐलान से ये साबित होता है कि वह पूरे बिहार और बिहारियों को बनाना चाहते हैं. 2 अक्टूबर को गांधी के नाम पर पार्टी बनाते हैं, और गांधी जी का अपमान करते हैं. कहते हैं शराब ही खोल देंगे, शराब का दरिया बहा देंगे. ऐसी भाषा बोलते हैं, हुसैन ने आगे कहा कि ये जरूर है कि शराबबंदी में जो लोग गड़बड़ कर रहे हैं. उनको ठीक किया जाएगा. सब पार्टियों ने मिलकर शराबबंदी लागू की थी. वो ऐसा सिर्फ इसलिए बोल रहे हैं ताकि उन्हें कुछ शराबियों का समर्थन मिल जाए.
आएंगे नीतीश कुमार, छाएंगे नीतीश कुमार
वहीं, अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव पर हुसैन ने कहा कि बिहार एनडीए में सब ठीक है. आएंगे तो नीतीश कुमार, छाएंगे भी नीतीश कुमार, और एनडीए की ही सरकार बनेगी. प्रशांत किशोर को बिहार की सेवा में लगना चाहिए, लेकिन वो पार्टी की सेवा में लगे हैं. कभी कोई जन आंदोलन किया है, क्या किसी के सुख-दुख में गए. सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करने से क्या हो जाएगा. वह पहले भी कई पर्टियों के लिए काम किए हैं. बिहार में इन दिनों एक फैशन बन गया है हर चुनाव में एक न एक पार्टी लॉन्च होती है, और फिर जमानत जब्त कराकर वापस चली जाती हैं. पिछले चुनाव में भी बहुत सी पार्टियां रजिस्टर हुई, लेकिन हुआ कुछ नहीं.
शराबबंदी से होता है 20 हजार करोड़ का नुकसान- प्रशांत
पटना के वेटनरी ग्राउंड में जन सुराज की स्थापना के दौरान प्रशांत किशोर ने दावा किया था कि बिहार में शराबबंदी के कारण हर साल राज्य को 20 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है. वह सत्ता में आए तो इस योजना को बंद कर देंगे. इसके साथ ही इससे आने वाली आय को वह बिहार की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने में लगाएंगे.