Bihar by-election: सुधाकर सिंह के लाठी वाले बयान पर भड़के  प्रशांत किशोर, बोले- ‘वह सांसद नहीं बाहुबली’ 

Bihar by-election: बिहार की राजनीति में नई नवेली उतरी जन सुराज ने भी सुधाकर सिंह और आरजेडी को निशाने पर लिया है.

By Prashant Tiwari | November 9, 2024 4:16 PM

Bihar by-election: बिहार में इन दिनों उपचुनाव की गहमागहमी है. पक्ष-विपक्ष लगातार एक दूसरे पर जुबानी हमला कर रहे हैं. इसी कड़ी में राजद के बक्सर सांसद सुधाकर सिंह ने ऐसा बयान दे दिया जिसके बाद से ही एनडीए उन पर हमलावर है. सूबे के श्रम संसाधन मंत्री ने तो उनकी उंगली काटने तक की धमकी दे दी. वहीं, बिहार की राजनीति में नई नवेली उतरी जन सुराज ने भी सुधाकर सिंह और आरजेडी को निशाने पर लिया है. पार्टी के कर्ताधर्ता प्रशांत किशोर ने तो राजद सांसद को बाहुबली तक बता दिया. 

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वह सांसद नहीं बल्कि बाहुबली हैं- प्रशांत किशोर

दरअसल, रामगढ़ में अपने भाई अजीत सिंह के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सुधाकर सिंह ने कहा था कि इस बार 2020 वाली गलती नहीं करेंगे. पिछली बार तीन बूथों पर लाठी से मारे थे इस बार तीन सौ बूथों पर मारेंगे. उनका इतना कहते ही सूबे की राजनीति में बवाल मच गया. एनडीए ने दावा किया कि बिहार में लालू यादव का जंगलराज नहीं नीतीश कुमार के सुशासन का राज है. अगर वो (सुधाकर सिंह) ऐसा करने की सोचेंगे भी तो उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी. वहीं,  प्रशांत किशोर ने पत्रकारों से बात करते हुए बक्सर के सांसद के भाषण पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सांसद जनता के प्रतिनिधि होते हैं. उनका काम जनता की सेवा करना, उनकी समस्याओं का समाधान करना और उनकी आवाज उठाना होता है, किसी को डराना नहीं. अगर कोई व्यक्ति किसी को धमकाता है तो यह उसके चरित्र को दर्शाता है. इससे पता चलता है कि वह सांसद नहीं बल्कि बाहुबली हैं. बता दें कि सुधाकर सिंह राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं. 

 13 नवम्बर को जनता अपना विकल्प चुन लेगी

रामगढ़ में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा बिहार के नेताओं को मुफ्तखोरी की आदत हो गई है लेकिन अब उनकी मुफ्तखोरी जल्द ही खत्म होने वाली है, अब जनता के पास जन सुराज का विकल्प आ गया है. पिछले दो दशक में लोगों के जीवन में कोई बुनियादी बदलाव नहीं आया. लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. अब जनता को चुनना होगा कि उन्हें जनता का राज चाहिए या अफसरों का राज या लालू जी का जंगल राज. 13 नवम्बर को जनता अपना विकल्प चुन लेगी. 

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