पटना: शहर के बाइपास स्थित जगनपुरा इलाके में संचालित एक निजी अस्पताल में महिला मरीज को बंधक बनाने का मामला सामने आया है. अस्पताल की ओर से मरीज के इलाज के बाद डेढ़ लाख रुपये का बिल थमा दिया. बकाया 20 हजार रुपये नहीं देने पर अस्पताल प्रबंधन ने मरीज को बंधक बना लिया और घर वापस नहीं जाने दिया. मामले की जानकारी कुछ समाजसेवी व पार्टी के कार्यकर्ताओं को मिली, तो शुक्रवार की दोपहर वह अस्पताल पहुंचे और उनके दखल के बाद मरीज अस्पताल से मुक्त हो सकी. मरीज का नाम रेखा देवी है, जो भोजपुरा जिले के तरारी थाना क्षेत्र की निवासी हैं.
परिजनों ने बताया कि रेखा देवी की डिलिवरी हुई थी, लेकिन खून की कमी के चलते उसका स्वास्थ्य खराब हो गया. परिजन आइजीआइएमएस लेकर आ रहे थे कि एंबुलेंस में बैठा एक दलाल बाइपास स्थित अस्पताल में पहुंचा दिया. एक सप्ताह इलाज के बाद डेढ़ लाख रुपये से अधिक का बिल थमाया गया. परिजनों का कहना है कि 20 हजार रुपये नहीं देने पर अस्पताल की ओर से मरीज को डिस्चार्ज नहीं किया जा रहा था. परिजन दो दिन से अस्पताल में ही थे. परिजन काफी गरीब थे और उन्होंने जमीन बेच कर अस्पताल में रुपये जमा कराये थे.
अस्पताल के संचालक मिथलेश कुमार ने बताया कि महिला की जांच करायी गयी तो खून की काफी कमी थी. बेहतर इलाज के बाद वह ठीक हो गयी. करीब एक सप्ताह इलाज के बाद अस्पताल प्रबंधन की ओर से मात्र 90 हजार रुपये का बिल दिया गया. इसमें भी कुछ रुपये माफ कर दिये गये. बावजूद परिजन हंगामा करने लगे.
गौरतलब है कि शहर के बाइपास इलाके में संचालित प्राइवेट अस्पताल जांच के घेरे में हैं. अधिकतर अस्पतालों में गलत इलाज व मनमाने बिल की मिल रही शिकायत के बाद आपदा प्रबंधन विभाग नागरिक सुरक्षा निदेशालय ने स्वास्थ्य चिकित्सा एवं परिवार कल्याण विभाग को पत्र लिखा है. यह पत्र आपदा प्रबंधन के पुलिस उप महानिरीक्षक अमजद अली ने स्वास्थ्य चिकित्सा एवं परिवार कल्याण विभाग के निदेशक को लिखा है. इसमें बताया गया है कि शहर के बंकाघाट, जीरो माइल से होते हुए अनिसाबाद तक बाइपास रोड के दोनों तरफ संचालित प्राइवेट अस्पताल, क्लिनिक एवं नर्सिंग होम की जांच की जाये. इधर पत्र के बाद स्वास्थ्य विभाग के परिवार कल्याण की ओर से टीम अलर्ट हो गयी है, बताया जा रहा है कि जल्द ही जांच टीम गठित कर छापेमारी की जायेगी.