बक्सर. कोरोना के संभावित प्रभाव को कम करने के लिये जिले में व्यापक स्तर पर टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. जिसकी बदौलत जिले में अब तक लगभग 75 प्रतिशत लोगों को टीके की पहला डोज दी चुकी है. वहीं, दूर-दराज के इलाकों में कोई भी लाभुक टीका लेने के लाभ से वंचित न रह जाये, इसके लिये मंगलवार से हर घर दस्तक अभियान भी शुरू हो चुका है. लेकिन, अभी भी समाज में कई ऐसे वर्ग हैं, जो टीका लेने से वंचित रह गये हैं जिसका मुख्य कारण टीका को लेकर व्याप्त भ्रांतियां और जानकारी का अभाव है.
ऐसा ही एक वर्ग है गर्भवती महिलाओं का, जो विभिन्न कारणों से टीका लेने से वंचित रह गयी हैं. यूनिसेफ की एसएमसी शगुफ्ता जमील ने बताया, जिले में कहीं भी टीकाकरण अभियान में बाधा उत्पन्न होती है, तो स्वास्थ्य विभाग व यूनिसेफ के समन्वय से लोगों को मोबलाइज कराया जाता है. अभी तक जिले के विभिन्न इलाकों में से गर्भवती महिलाओं के टीका लेने से इन्कार करने की बात आती रहती है.
शिशु के विकृत होने की भ्रतियां हैं व्याप्त
एसएमसी शगुफ्ता जमील ने बताया, समाज में अलग-अलग भ्रांतियां लोगों को टीकाकरण केंद्र तक पहुंचने में बाधक है. गर्भवती महिलाओं में दूसरा डर इस बात है कि वैक्सीन लेने के बाद कहीं उनका बच्चा किसी प्रकार की विकृति से ग्रसित न हो जाये. जिसके निवारण के लिये राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने प्रसव पूर्व जांच व परामर्श सत्र के दौरान गर्भवती महिलाओं को टीका लेने के लिये प्रेरित व जागरूक करते हुए उनको टीकाकृत करने का निर्देश दिया है जो काफी हद तक सफल भी हो रहा है.
Posted by: Radheshyam Kushwaha