पटना नगर निगम के अधिकारी और कर्मी तीन सप्ताह तक अपने वार्ड में ही रहेंगे. नगर आयुक्त अनिमेश कुमार पराशर ने बताया कि इनमें जोनल अधिकारी, सफाई निरीक्षक, सुपरवाइजर और एचएमएस के कर्मी शामिल होंगे. अगले सप्ताह ही ये अपने वार्ड में शिफ्ट हो जायेंगे. इनके सामूहिक आवास के लिए जगह को चिह्नित करने का काम शुरू हो गया है. यहां इनके भोजन की भी सामूहिक व्यवस्था होगी.
इंदौर की तर्ज पर पटना में भी स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारी
स्वच्छता सर्वेक्षण को देखते हुए इंदौर की तर्ज पर यह व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया है. इंदौर में नगर निगम की टीम स्वच्छता सर्वेक्षण से एक महीना पहले से ही अपने अपने क्षेत्रों में सामूहिक निवास करने लगती है. इससे टीम द्वारा सुबह से देर रात तक अपने क्षेत्र की सफाई और वहां से गंदगी निकालने पर ध्यान केंद्रित करना संभव होता है. इसी का नतीजा है कि बीते कई वर्षों से वह लगातार स्वच्छता सर्वेक्षण में पहले स्थान पर आ रही है. पटना नगर निगम के कर्मी भी यदि सही रूप में इसे लागू कर सकें, तो स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर रैंक हासिल करने में मदद मिलेगी.
इस माह के अंत या अगले माह के शुरू में आयेगी स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम
बीते वर्ष मार्च महीने में ही स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम पटना शहर में आकर यहां के विभिन्न स्थानों का निरीक्षण कर वापस जा भी चुकी थी. इस वर्ष यहां एक से डेढ़ महीने की देरी से स्वच्छता सर्वेक्षण टीम आयेगी. अप्रैल माह के अंत या मई माह के शुरू में इसके आने की संभावना है. इसको ध्यान में रख कर अगले दो-तीन दिनों में ही नगर निगम कर्मियों को अपने-अपने वार्ड में ही सामूहिक निकास करने और 24 घंटे अपने क्षेत्र की सफाई व्यवस्था की निगरानी करने का निर्देश जारी कर दिया जायेगा.