मुजफ्फरपुर के आई हॉस्पिटल पर सरकार बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है. राज्य मुख्यालय के चार सदस्यीय टीम की जांच की रिपोर्ट को स्वास्थ्य विभाग अध्ययन कर रहा है. विभाग रिपोर्ट को आधार बनाकर अस्पताल व उसके प्रबंधन पर कार्रवाई करेगा. स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने मंगलवार को बताया कि विभाग में कांड की जानकारी मिलते ही दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दे दिए थे. साथ ही एक उच्च स्तरीय जांच टीम को घटनास्थल की जांच करने और पीड़ितों से मिलकर पूरे मामले की जानकारी लेने की जिम्मेदारी दी है.
जांच टीम ने घटना से जुड़े तथ्य जुटाए और विस्तृत रिपोर्ट बनाकर सरकार को सौंपी थी. उन्होंने बताया कि डॉक्टरों और ऑपरेशन टीम में शामिल कर्मियों की लापरवाही से 65 लोगों की आंखों में संक्रमण फैला और 15 लोगों की आंख निकालनी पड़ी. मामले में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. मालूम हो कि जांच टीम ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट में कहा है कि मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल कि संक्रमित ओटी में मोतियाबिंद ऑपरेशन किए गए थे. औटी में सिउडोमोनस एरोजिनोसा और ग्राम पॉजिटिव स्टेफालोकोकस औरियस जीवाणु सक्रिय थे.
जिले में कितने निजी अस्पताल मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए संबद्ध है. उनका नाम व कब तक के लिए संबध है या आगे तक है.
सदर अस्पताल में कितने नेत्र विशेषज्ञ चिकित्सक पदस्थापित है. उनकी ओर से इस वित्तीय वर्ष में कितने लोगों का उपचार किया गया.
सदर असपताल में नेत्र शल्य कक्ष की अद्यतन क्या स्थिति है. इसके साथ मोतियाबिंद ऑपरेशन का लक्ष्य व उपलब्धित संस्थावार उपलब्धी का ब्योरा दें.
जिला से संबद्ध संस्थाओं के अनुश्रवण के लिए जिला स्तर पर व्यवस्था है. मानक के अनुरूप संस्था काम कर रही है या नहीं, इसकी पड़ताल पर रिपोर्ट दें.
संबद्ध होने से पहले तो अस्पताल की जांच होती है, लेकिन संबद्ध होने के बाद शर्त के मुताबिक काम कर रही है या नही, इसकी कितने दिन पर जांच होती है.
सरकार की ओर से इस वित्तीय वर्ष में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए आवंटित राशि एवं किये गये व्यय का वितरण दें.
Posted by: Radheshyam Kushwaha