पटना. सरकार गेहूं खरीद का सांकेतिक लक्ष्य एक लाख एमटी से बढ़ाकर सात लाख एमटी करने की तैयारी कर रही है. खरीद की अंतिम तारीख भी बढ़ने की उम्मीद है. सहकारिता विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी ने गेहूं अधिप्राप्ति के संबंध में सभी जिलों के साथ समीक्षा बैठक के बाद इसकी प्रक्रिया शुरू करा दी है.
खरीद के लिए 2240 सहकारी समितियों का चयन भी कर लिया है. वंदना प्रेयसी ने बताया कि अधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया कि गेहूं अधिप्राप्ति के पूर्व में निर्धारित एक लाख एमटी के सांकेतिक लक्ष्य को बढ़ा कर सात लाख एमटी करने की कार्रवाई की जा रही है़ इसके लिए बिहार राज्य सहकारी बैंक द्वारा आवश्यक वित्तीय व्यवस्था कर ली गयी है. जिला सहकारिता पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसानों को इसकी जानकारी दे दी जाये.
अधिकाधिक सहकारी समितियों का चयन करते हुए किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ दिलाना सुनिश्चित किया जाये. समीक्षा बैठक में अनेक जिला सहकारिता पदाधिकारियों द्वारा यह बात उठायी गयी कि गेहूं खरीद के लिए जिलों को दिया गया लक्ष्य वास्तविक उत्पादन की तुलना में काफी कम है.
स्थानीय बाजार में भी गेहूं की खरीद दर सरकारी दर 1975 रुपये प्रति क्विंटल से काफी कम है. इससे किसानों में नाराजगी है कि पैक्स उनका गेहूं नहीं खरीदेंगे. किसान खरीद केंद्र के अधिकारियों पर दवाब डाल रहे हैं कि वह खरीद के टारगेट को बढ़वाएं. स्थानीय किसानों की मंशा को देखते हुए अधिकतर जिला सहकारिता अधिकारियों ने गेहूं अधिप्राप्ति के लक्ष्य को बढ़ाया जाने का अनुरोध किया. माना जा रहा है कि इस फीड बैक के आधार पर यह निर्णय लिया गया है.
किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद को रफ्तार देने के लिए सहकारिता विभाग ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. सोमवार को सभी जिलों के पदाधिकारियों को आदेश दिये गये हैं कि वे अपने मंगलवार से अपने- अपने जिलों में खरीद शुरू करा दें. राज्य मुख्यालय ने खरीद में आ रही दिक्कतों को दूर करने का निर्देश दिया है.
सहकारिता विभाग को पैक्स और व्यापार मंडलों के जरिये 20 अप्रैल से 1975 रुपये प्रति क्विंटल की दर (एमएसपी) पर एक लाख एमटी गेहूं की खरीद करनी है. 22 अप्रैल तक कहीं भी खरीद नहीं हो पायी थी. तीन हजार से अधिक पैक्स – व्यापार मंडल को खरीद करनी थी, लेकिन मात्र 200 एजेंसियों का ही चयन हो सका़ इसमें में भी सोमवार तक मात्र 50 सहकारी समितियों ने खरीद की. इन समितियों ने सोमवार तक 90 किसानों से 566 एमटी गेहूं की खरीद की.
सोमवार को सहकारिता सचिव वंदना प्रेयसी ने सभी जिलों के सहकारिता पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इसमें उन्होंने उन पैक्स और व्यापार मंडल के अधिकतर क्रय केंद्र बंद पड़े होने की रिपोर्ट ली. एजेंसियों के चयन में देरी के लिए अधिकारियों की जवाबदेही तय करते हुए कहा कि लापरवाह अफसरों पर कार्रवाई की जायेगी.
मंगलवार से सभी जिलों में खरीद शुरू कराने के निर्देश दिये हैं. मंगलवार देर शाम तक सभी जिलों को सचिव के कार्यालय को यह रिपोर्ट देनी है कि उनके यहां कितने केंद्र क्रियाशील हो गये. उन पर कितनी खरीद हुई.
Posted by Ashish Jha