शुभम कुमार, पटना . साइबर अपराधियों पर नकेल कसने और ठगी का पैसे वापस दिलाने के लिए पुलिस प्रशासन ने तैयारी शुरू की है. अगर आप भी साइबर ठगी के शिकार हुए हैं तो तुरंत हेल्पलाइन नंबर 155260 पर कॉल करें और अपनी समस्या बताएं. इसके बाद का सारा काम साइबर सेफ व सीसीएसएमयू (साइबर क्राइम सोशल मीडिया यूनिट) करेगा.
सीसीएसएमयू के नोडल ऑफिसर हर जिले के एसपी को बनाया गया है. उन्हीं के अंडर में इसका सारा काम होगा. साइबर सेफ केंद्र सरकार द्वारा संचालित है. वहीं सीसीएसएमयू इओयू के अंडर में है.
साइबर सेफ केंद्र सरकार की यूनिट है. अगर आपका पैसा ठगी हो जाता है और वह पैसा पाइपलाइन में है तो वह पैसा वापस आपके अकाउंट में आ सकता है. इसके लिए सबसे पहले आपको हेल्पलाइन में कॉल करना होगा. वहां से आपका नाम, पता, मोबाइल नंबर आदि जानकारियां मांगी जायेगी.
इसके बाद यह सारा डिटेल साइबर सेफ को भेजा जायेगा. साइबर सेफ आपके खातों से पैसा निकलने के बाद वह किन-किन खातों में ट्रांसफर हो रहा है, यह देखेगा. इसके बाद एक टिकट जेनरेट होगा, जिसका नंबर आपको दिया जायेगा. अगर आपका पैसा पाइपलाइन में है तो वह सीधा आपके खाते में वापस आ जायेगा.
इसी तरह सीसीएसएमयू भी काम करेगी. उसके लिए आपको अपने जिले के सीसीएसएमयू यूनिट में जाकर कंप्लेन कराना होगा. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी. सीसीएसएमयू का नोडल ऑफिसर जिले के एसपी को बनाया गया है. साइबर ठगों पर नजर रखने के लिए अब हर जिले में एक से दो प्रोग्रामर दिये गये हैं. यह आपसे ठगी करने वालों पर नजर रखेंगे.
प्रोग्रामर का काम होगा कि अगर कोई व्यक्ति किसी का फेक आइडी बनाकर ठगी करता है, तो उसे रोके. इसके अलावा साइबर ठगों के सारे डिटेल निकालने में भी माहिर होंगे. मिली जानकारी के अनुसार पूरे बिहार में कुल 70 प्रोग्रामर काम कर रहे हैं. बड़े जिलों में दो प्रोग्रामर तो छोटे जिलों में एक प्रोग्रामर दिये गये हैं.
Posted by Ashish Jha