मानसून से पहले पूरी होगी बाढ़ सुरक्षा की तैयारी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिये सख्त निर्देश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संभावित बाढ़ और सुखाड़ की तैयारियों को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गहन समीक्षा की. उन्होंने खासतौर से निर्देश दिया कि बाढ़ से जुड़ी सभी तैयारी 13 जून से पहले पूरी करवा कर लें. हर चीजों पर नजर रखें. बाढ़ से जुड़े पिछले अनुभवों को ध्यान में रखते हुए योजनाबद्ध तरीके से काम करना है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 8, 2021 7:04 AM

पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संभावित बाढ़ और सुखाड़ की तैयारियों को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गहन समीक्षा की. उन्होंने खासतौर से निर्देश दिया कि बाढ़ से जुड़ी सभी तैयारी 13 जून से पहले पूरी करवा कर लें. हर चीजों पर नजर रखें. बाढ़ से जुड़े पिछले अनुभवों को ध्यान में रखते हुए योजनाबद्ध तरीके से काम करना है. कैटल ट्रफ की समुचित व्यवस्था, पशुचारा, बाढ़ राहत सामग्री, दवा के साथ-साथ अन्य चीजों की उपलब्धता को लेकर पूरी तैयारी रखें.

मुख्यमंत्री एक अणे मार्ग स्थित संकल्प सभाकक्ष में सोमवार को संभावित बाढ़ और सुखाड़ की पूर्व तैयारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक कर रहे थे. उन्होंने इस दौरान बाढ़ से जुड़े सभी बातों को लेकर विस्तृत निर्देश संबंधित विभागों को दिये. सीएम ने कहा कि अभी कोरोना की विशेष परिस्थिति है. इसे ध्यान में रखते हुए संभावित बाढ़ की पूरी तैयारी रखनी है.

बाढ़ की स्थिति में प्रभावित क्षेत्रों का टीम बनाकर सही आकलन करवाएं. प्रभावित परिवारों की सूची बनाते समय पूरी पारदर्शिता बरती जाये, ताकि कोई वास्तविक हकदार इस लाभ से वंचित नहीं रहे. मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव, पशु, सांप और कुत्ता काटने की दवाओं के अलावा ब्लीचिंग पाउडर, डायरिया की दवा, हैलोजन टैबलेट समेत अन्य चीजों की पर्याप्त उपलब्धता रखें.

बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य करें मॉनसून से पहले पूरा

सीएम ने कहा कि बाढ़ से सुरक्षा के लिए बचे हुए सभी कटाव निरोधक कार्य और बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य को मॉनसून के पहले पूरा करें. बाढ़ की स्थिति में तटबंधों की निगरानी के लिए विशेष सतर्कता बरती जाये. इसके लिए गश्ती कार्य नियमित रूप से किये जाएं. निगरानी कार्य में लगाये जाने वाले लोगों का विशेष प्रशिक्षण कराएं. जल संसाधन विभाग इसे सुनिश्चित कराये. उन्होंने कहा कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में नावों की पर्याप्त उपलब्धता रखें. गड्ढे में वर्षा का पानी भरने पर बच्चों के डूबने की घटना को रोकने के लिए मुख्य सचिव संबंधित विभागों से बातकर जागरूकता अभियान चलवाएं, ताकि बच्चों के डूबने की घटनाएं नहीं हो.

15 जून तक करा लें मरम्मत कार्य

विशेष क्षति होने वाले स्थानों को चिह्नित करें. इसे लेकर जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगो से विचार-विमर्श करें. डायवर्सन को मजबूत कराएं. पिछले वर्ष बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त सड़कों और पुल-पुलियों का मरम्मत कार्य 15 जून कर पूरा करें. पुल या पुलियों की सफाई भी मॉनसून के पहले पूरा करा लें. उन्होंने कहा कि नवगठित नगर निकायों में संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की स्थिति से निबटने की व्यवस्था करें. डिजास्टर रिस्क रिडक्शन रोडमैप के क्रियान्वयन के लिए समुचित कार्रवाई करें.

13-14 जून तक बिहार में आयेगा मॉनसून

इस समीक्षा बैठक के दौरान भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के प्रतिनिधि ने इस वर्ष मॉनसून और वर्षा का पूर्वानुमान और पिछले 10 वर्ष के दौरान वर्षा की स्थिति की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 13-14 जून तक बिहार में मॉनसून आने की संभावना है. जून में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है. आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से संभावित बाढ़ व सुखाड़ की पूर्व तैयारियों से संबंधित मुख्य बातों की जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि मानक संचालक प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार बाढ़ आपदा प्रबंधन किया जायेगा. संभावित बाढ़ की स्थिति से निबटने के लिए पूरी तैयारी कर ली गयी है.उन्होंने नाव, पॉलिथिन शीट, राहत सामग्री की उपलब्धता, दवा, पशुचारा आदि के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी.

जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, लघु जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव रवि मनु भाई परमार, नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर, ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल, पीएचइडी के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव, कृषि सचिव एन सरवन कुमार ने अपने-अपने विभागों के स्तर से संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की स्थिति से निपटने को लेकर की गयी तैयारियों के संबंधित में विस्तृत जानकारी दी.

समीक्षा के दौरान सभी जिलों के डीएम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुए थे. इस दौरान कुछ बाढ़ प्रभावित जिलों के डीएम से उनके जिलों की तैयारियों के संबंध में जानकारी ली गयी.

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार व चंचल कुमार, सचिव अनुपम कुमार, ओएसडी गोपाल सिंह उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद व रेणु देवी, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, पीएचइडी मंत्री रामप्रीत पासवान, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत राज, श्रम संसाधन मंत्री जिवेश मिश्रा समेत अन्य मंत्री के अलावा मुख्य सचिव त्रिपुरारि शरण, डीजीपी एसके सिंघल, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी समेत अन्य जुड़े हुए थे.

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को दिया धन्यवाद

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएम नरेंद्र मोदी की दो मुख्य घोषणाओं के लिए उन्हें धन्यवाद दिया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि पहले से ही केंद्र की तरफ से 45 वर्ष से ज्यादा के लोगों के लिए मुफ्त टीका राज्यों को दिया जा रहा है. अब प्रधानमंत्री ने 18 वर्ष से अधिक और 45 वर्ष से कम उम्र के सभी लोगों के टीकाकरण के लिए राज्य सरकारों को मुफ्त टीका उपलब्ध कराने और पिछले साल की तरह प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को दीपावली तक बढ़ाकर सभी राशन कार्डधारियों को मुफ्त राशन देने का फैसला उपयोगी एवं सराहनीय है. इसके लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद. यह कोरोना से जंग जीतने में मददगार होगा.

सभी लोगों का कराएं कोरोना टीकाकरण

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ राहत एवं बचाव कार्यों में लगाये जाने वाले सभी लोगों का शत-प्रतिशत टीकाकरण कराएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के दौरान राहत शिविर में आने के बाद सभी पीड़ित लोगों की कोरोना जांच जरूर कराएं. अगर कोई कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है, तो उन्हें राहत शिविर से अलग करते हुए आइसोलेट करके उनके इलाज की व्यवस्था करें. उन्होंने कहा कि पथ निर्माण और ग्रामीण कार्य विभाग बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त होने वाली सड़कों की मरम्मत की तैयारी पहल से रखें.

Posted by Ashish Jha

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