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बिहार के बोधगया में पर्यटन उद्योग की है खास तैयारी, इस सीजन में 300 करोड़ से ज्यादा के कारोबार की उम्मीद

कोरोना महामारी के कारण पिछले चार वर्षों में बोधगया का पर्यटन आधारित व्यवसाय काफी धीमा हुआ है. हालांकि पिछले वर्ष थोड़ी जान आयी व अब इस पर्यटन सीजन में यहां के कारोबारियों को उम्मीद जगी है कि आने वाले दिनों में सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो बोधगया की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट सकती है.

कलेंद्र प्रताप, बोधगया. बोधगया में इस वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं व पर्यटकों के आने की उम्मीद है. साथ ही इनके कारण यहां होटल, गेस्ट हाउस, ट्रैवल्स व अन्य क्षेत्रों में 300 करोड़ रुपये के कारोबार की उम्मीद जतायी जा रही है. कोरोना महामारी के कारण पिछले चार वर्षों में बोधगया का पर्यटन आधारित व्यवसाय काफी धीमा हुआ है. हालांकि पिछले वर्ष थोड़ी जान आयी व अब इस पर्यटन सीजन में यहां के कारोबारियों को उम्मीद जगी है कि आने वाले दिनों में सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो बोधगया की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट सकती है. मुख्य रूप से दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के बौद्ध श्रद्धालुओं की आवाजाही इस बात के संकेत देने लगी है कि आने वाले दिनों में बौद्ध श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में होगी.

दिसंबर में आयेंगे दलाई लामा

इसी बीच बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा का दिसंबर के आखिरी में आयोजित टीचिंग व लगभग एक महीने का बोधगया प्रवास के मद्देनजर भी काफी संख्या में बौद्ध श्रद्धालु व दलाई लामा के अनुयायियों के बोधगया पहुंचने की सूचना है. इस कारण भी बोधगया के होटल,गेस्ट हाउस व ट्रैवल्स के लिहाज से गाड़ियों की बुकिंग भी ठीक-ठाक होगी. दलाई लामा का कालचक्र मैदान में 29, 30 व 31 दिसंबर को टीचिंग प्रस्तावित है. इसके अलावा बौद्धों के विभिन्न संघों व संगठनों द्वारा भी विश्व शांति के लिए महाबोधि मंदिर में पूजा समारोहों का आयोजन किया जायेगा. इनमें लाखों की संख्या में बौद्ध लामा, भिक्षु व श्रद्धालु शामिल होंगे.

दो से 13 दिसंबर तक आयोजित होगा त्रिपिटक चैंटिंग

विश्व शांति के लिए विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर परिसर में विभिन्न बौद्ध संगठनों द्वारा पूजा समारोह का आयोजन किया जायेगा. इनमें मुख्य रूप से दो दिसंबर से 13 दिसंबर तक 18वां इंटरनेशनल त्रिपिटक चैंटिंग समारोह का आयोजन किया जायेगा. इसमें विभिन्न 12 से ज्यादा देशों के भिक्षु व श्रद्धालु शामिल होंगे. इसके बाद 15 से 21 दिसंबर तक काग्यू मोनलम चेन्मो का आयोजन होगा. इसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु व भिक्षु-भिक्षुणी शामिल होंगे. छोटे-छोटे पूजा समारोहों के साथ ही बोधगया के बड़े पूजा में शुमार 35वां निगमा मोनलम चेन्मो का आयोजन होगा. यह 11 जनवरी से 20 जनवरी तक आयोजित होगा. बोधगया टेंपल मैनेजमेंट कमेटी द्वारा जारी शेड्यूल के मुताबिक 25 फरवरी से दो मार्च तक आयोजित होने वाले दूसरा इंटरनेशनल चैंटिंग एंड धम्मा टॉक का आयोजन होगा. इस बीच मंदिर परिसर में अन्य संगठनों द्वारा भी पूजा का आयोजन होता रहेगा.

होटलों में बुकिंग है जारी, फिलवक्त भी औसत कमरे फुल

12 नवंबर को महाबोधि मंदिर में बौद्ध भिक्षुओं के लिए आयोजित महा कठिन चीवरदान समारोह के बाद विभिन्न बड़े पूजा का आयोजन शुरू हो गये हैं व श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा हो गया है. वियतनाम व अन्य देशों के श्रद्धालुओं की आवाजाही बनी हुई है. यहां के कई बड़े होटलों में कमरे औसतन भरे हुए हैं व आनेवाले दिनों के लिए भी बुकिंग जारी है. होटल एसोसिएशन बोधगया के महासचिव संजय सिंह ने बताया कि पिछले चार वर्षों के बाद इस पर्यटन सीजन में श्रद्धालुओं की संख्या अपेक्षाकृत ज्यादा होने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि होटलों के साथ ही बौद्ध मठों में भी ज्यादातर श्रद्धालु प्रवास कर जाते हैं. इस कारण होटलों का कारोबार प्रभावित होता है. फिर भी यहां आने वाले श्रद्धालुओं के कारण बोधगया के बाजार को फायदा होगा.

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होटल में बुकिंग भी ठीक-ठाक

होटल रॉयल रेजिडेंसी के प्रबंधक रंधीर कुमार ने बताया कि फिलहाल वियतानम, म्यांमार व यूरोपियन देशों के लोगों की आवाजाही हो रही है. होटल में बुकिंग भी ठीक-ठाक है. लेकिन, अगले महीने दलाई लामा के आगमन को लेकर बुकिंग तेज हो गयी है. उन्होंने बताया कि इस पर्यटन सीजन में पिछले तीन-चार वर्षों के मुकाबले ज्यादा व्यवसाय होने की उम्मीद है. होटल आनंद इंटरनेशनल के प्रबंधक मृत्युंजय कुमार ने बताया कि फिलहाल वियतनाम, ताइवान, कोरिया, म्यांमार व जापान के श्रद्धालु बोधगया पहुंच रहे हैं. होटलों में ठीक-ठाक बुकिंग चल रही है. लेकिन, दिसंबर के आखिरी में काफी भीड़ लगने वाली है व होटलों में जगह मिल पाना मुश्किल हो सकता है. अन्य होटलों के प्रबंधकों की राय में इस वर्ष ठीक-ठाक व्यवसाय होने की उम्मीद है.

ट्रैवल्स व हैंडीक्राफ्ट के क्षेत्र में आयेगा उछाल

बोधगया में आयोजित विभिन्न पूजा समारोहों व दलाई लामा के आगमन के मद्देनजर यहां श्रद्धालुओं की संख्या में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोतरी होने की संभावना जतायी जा रही है. लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के बोधगया पहुंचने के कारण उनके परिभ्रमण व परिवहन के लिए भी गाड़ियों की जरूरत पड़ती है. बोधगया से राजगीर, नालंदा, कुशीनगर, सारनाथ व लुंबिनी आदि बौद्ध स्थलों तक पहुंचने के लिए श्रद्धालु बोधगया से ही गाड़ियों की बुकिंग करते हैं. इस कारण टूर एंड ट्रैवल्स के साथ परिवहन व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों को भी इस वर्ष काफी उम्मीद बंधी है.

इन देशों से अधिक आते हैं पर्यटक

बोधगया ट्रैवल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश सिंह ने बताया कि श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने से जाहिर है कि गाड़ियों की मांग बढ़ेगी व इस कारण कारोबार अच्छा होगा. उन्होंने उम्मीद जतायी कि इस पर्यटन सीजन में होटल, गेस्ट हाउस, परिवहन सहित अन्य विभिन्न क्षेत्रों में होने वाले कारोबार 300 करोड़ से भी पार कर सकता है. उन्होंने बताया कि हैंडीक्राफ्ट की बिक्री भी ठीक-ठाक होने की उम्मीद है. इस वर्ष वियतनाम, ताइवान, जापान, कोरिया आदि देशों के श्रद्धालुओं के आने की ज्यादा संभावना है. ये सभी हैंडीक्राफ्ट के शौकीन होते हैं.

मार्च तक अंतरराष्ट्रीय विमानों की आवाजाही से बढ़ेगी यात्रियों की संख्या

बौद्ध श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए गया एयरपोर्ट से विभिन्न देशों के लिए विमान सेवा भी शुरू हो चुकी है. इनमें थाइलैंड, म्यांमार, भूटान, वियतनाम शामिल हैं. थाइलैंड के रास्ते यूरोपियन देशों के पर्यटक भी बोधगया पहुंचते हैं. इनके अलावा गया एयरपोर्ट से कोलकाता व दिल्ली के लिए भी विमान सेवा बहाल है. इन विमानों से भी बोधगया तक श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. गया एयरपोर्ट डायरेक्टर बंगजीत साहा ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय विमानों का शेड्यूल मार्च तक प्राप्त है. हर दिन एक या दो अंतरराष्ट्रीय विमान गया पहुंच रहे हैं. इस कारण भी बौद्ध श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है.

श्रद्धालुओं के आने से बाजार में आता है पैसा

पर्यटन व बौद्ध श्रद्धालुओं पर आश्रित बोधगया के कारोबार को ज्यादा संख्या में लोगों की आवाजाही होने से फायदा मिलता है. होटल, गेस्ट हाउस व परिवहन आदि क्षेत्रों के साथ ही आगम श्रद्धालुओं के भोजन आदि के लिए की जानेवाली खरीदारी भी गया व बोधगया के मंडी से ही की जाती है. मार्केट में रुपये आते हैं व इसके कारण विभिन्न क्षेत्रों में अपना कारोबार करने वाले लोगों का व्यवसाय होता है. कपड़े की खरीदारी हो या फिर नये भवन निर्माण के लिए सीमेंट आदि की, रुपये की आमदनी पर ही निर्भर करता है. इस कारण बोधगया में आने वाले श्रद्धालुओं के कारण निश्चित रूप से बोधगया की अर्थव्यवस्था को बल मिलता है व विकास के रास्ते प्रशस्त करता है.

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