पटना जिले में संभावित बाढ़ व सुखाड़ से निबटने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है. निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार जिला स्तर पर सभी व्यवस्था की गयी है. संभावित बाढ़ के दौरान पीड़ितों को 108 शरण स्थलों पर रखा जायेगा. पशुओं को रखने के लिए भी 23 जगहें चिह्नित की गयी हैं. बाढ़ की स्थिति में पीड़ित परिवारों के बीच राहत सामग्री और आने-जाने की सुविधा के लिए नाव की दर का निर्धारण कर लिया गया है. पॉलीथिन शीट्स की खरीद पिछले साल की दर के अनुसार होगी.
डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने अधिकारियों के साथ आपदा की स्थिति में सामान्य जनजीवन प्रभावित नहीं हो, इसे लेकर व्यवस्थाओं की जानकारी ली. जिले में पालीगंज अनुमंडल को छोड़कर शेष पांच अनुमंडलों में बाढ़ की स्थिति होती है. लगभग 4.39 लाख आबादी प्रभावित होने का अनुमान रहता है.
संभावित बाढ़ से पहले तैयारी के तहत आपदा पीड़ित परिवारों को पीएफएमएस के माध्यम से राहत राशि (जीआर) का भुगतान करने के लिए कुल 1,78,491 परिवारों की सूची आपदा संपूर्ति पोर्टल पर अपलोड कर दी गयी है. बाढ़ के समय परिचालन योग्य सरकारी नाव 10 व 499 निजी नावों के साथ एकरारनामा की कार्रवाई की जा रही है. छोटी नाव के लिए 290 रुपये, मंझौली नाव के लिए 420 रुपये व बड़ी नाव के लिए 460 रुपये प्रतिदिन दर निर्धारित की गयी है.
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उपलब्ध पॉलीथिन शीट्स की संख्या 34266 , टेंट 1141, महाजाल तीन, लाइफ जैकेट 480, इन्फ्लेटेबल लाइटनिंग सिस्टम छह, प्रशिक्षित गोताखोरों की संख्या 231 है. एसडीआरएफ की एक कंपनी आठ बोट गायघाट पटना सिटी में व एनडीआरएफ की एक कंपनी छह बोट दीदारगंज बाजार समिति में सुरक्षित है. आपदा प्रबंधन के लिए 11 बाढ़ राहत कोषांग क्रियाशील रहेंगे. जिले में बचे हुए तीन पंचायतों में एआरजी लगाने का काम जल्द पूरा होगा. इससे वर्षा का आंकड़ा मिलेगा. बाढ़ को लेकर 56 प्रकार की सभी आवश्यक दवाएं पर्याप्त संख्या में उपलब्ध हैं.