पटना ‘जू’ में 36 प्रकार के अफ्रीकी जानवारों को लाने की तैयारी, अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिलेगी पहचान

पटना के चिड़ियाघर घुमने आने वाले लोग बहुत जल्द चिड़ियाघर से ही अफ्रीका के खुले जंगलों में विचरन करने वाले हैं.आज तक जिन अफ्रीकी जानवरों को हम टेलिविजन पर देखा करते थे. अब उन जानवरों को हम अपने सामने देख सकेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 7, 2022 4:58 PM

पटना. बिहार की राजधानी पटना के बेली रोड पर स्थित संजय गांधी जैविक उद्यान को चिड़ियाघर पटना के नाम से भी जाना जाता है. इसे 1973 में चिड़ियाघर के तौर पर खोला गया था. यहां घुमने आने वाले लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है. पटना के चिड़ियाघर घुमने आने वाले लोग बहुत जल्द चिड़ियाघर से ही अफ्रीका के खुले जंगलों में विचरन करने वाले हैं. अफ्रीकी जानवरों को देखने के साथ ही हम यहां थिम पार्क की भी सैर कर सकेंगे. आज तक जिन अफ्रीकी जानवरों को हम टेलिविजन पर देखा करते थे. अब उन जानवरों को हम अपने सामने देख सकेंगे. थीम आधारित पार्क बनाने का कार्य जुलाई के अंतिम सप्ताह से शुरु हो जाएगा.

 36 अफ्रीकी वन्य जन्तु  का होगा आगमन 

जैविक उद्यान प्रशासन ने दक्षिण अफ्रीका से 36 वन्य प्राणियों को यहां मंगाने का फैसला किया है. वैसे तो पटना जू न केवल देश बल्कि विदेशों में भी अपने दुर्लभ प्रजाति के जानवरों और पेंड़ पौधों के लिए प्रसिद्ध है. लेकिन अफ्रीका से आने वाले इन वन्य प्राणियों में अफ्रीकी शेर के अलावा दो सींग वाले गैंडे और लंबे सींग वाले ओरिक्स संजय गांधी जैविक उद्यान के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र होंगे. इसके अलावा और भी वन्य प्राणियों जैसे कि जिराफ, जेब्रा, इंपाला हिरण, मगरमच्छ जैसे जानवर लाए जाने वाले वन्य प्राणियों की लिस्ट में शामिल हैं.

दर्शकों के आकर्षण का केंद्र पटना जू

पटना ज़ू में पहले से ही 800 से ज्यादा प्रकार के जीव-जन्तु मौजूद है. इनमें से ज्यादातर जानवर काफी दुर्लभ प्रजाति के भी हैं. बहुत से जानवर दर्शकों के आकर्षण का केंद्र रहें हैं, और खासकर पटना जू अपने रॉयल बंगाल टाइगर के लिए भी प्रसिद्ध है. लेकिन यहां और भी जानवर जैसे शेर, जिराफ, जेब्रा और गैंडा हमेशा से लोगों को आकर्षित कारते आ रहे हैं. साथ ही पक्षियों की भी कई प्रजातियां को दर्शक संजय गांधी जैविक उद्यान में देखकर खुश होते हैं. यहां के सांप घर में करीब 5 प्रजाति के 32 सांप रखे गए हैं. यहां पर मछलियों की लगभग 35 प्रजातियां रहती हैं.

पटना ज़ू को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने  तैयारी

कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत पटना के चिड़ियाघर को और भी खूबसूरत बनाए जाने का लक्ष्य है. इसके अंतर्गत पटना ज़ू के दोनों गेट पर इलेक्ट्रिक डिस्प्ले, दर्शकों के बैठने के लिए बैंबू सेट, नेचर पैनल, टॉय ट्रेन हॉल्ट का ब्यूटीफिकेशन कराया जाना है. पटना ज़ू को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग अपनी एक रिपोर्ट तैयार कर रहा है. यहां मसाला गार्डेन तितलि गार्डेन और इसके अलावा विभिन्न प्रकार औषधीय पौधे लगाने की भी तैयारी हो रही है.

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