पटना. कोरोना के दौरान 2020 में भी बाढ़ ग्रस्त जिलों में अधिकारियों ने कोरोना गाइडलाइन के तहत बचाव अभियान चलाया था, लेकिन इस बार कोरोना की लहर पिछले साल से बहुत अधिक खतरनाक है. ऐसे में आपदा विभाग ने अभी से इसकी तैयारी शुरू कर दी है.
सभी जिलों से रिपोर्ट मांगी गयी है कि उनके इलाके में कहां- कहां बाढ़ का खतरा अधिक रहता और किस तरह से वहां लोगों तक कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए राहत बचाव का काम किया जा सकता है.इसको लेकर 15 मई से पहले सभी जिलाधिकारी रिपोर्ट भेज दें, ताकि बाढ़ ग्रस्त जिलों में बेहतर तरीके से काम हो सके.
इस बार भी बाढ़ के दौरान बचाव काम में ड्रोन का उपयोग किया जायेगा. आपदा के समय खोज एवं बचाव कार्य के दौरान होने वाली परेशानियों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है. ड्रोन के उपयोग का मकसद है यही है कि दूर-दराज में फंसे लोगों को भी अविलंब बचाया जा सके. विभाग के मुताबिक आपदा में विशेषकर बाढ़ के दौरान नाव से लोगों को निकालने में कई परेशानी होती हैं. दूर-दराज में फंसे होने पर उनकी सही स्थिति का अंदाजा लगाना ड्रोन से आसान हो जायेगा.
बाढ़ सहित अन्य आपदा में ड्रोन के उपयोग का निर्णय पिछले साल ही मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक में लिया गया. बाढ़ के अलावा अन्य आपदा में भी लोगों के फंसे होने पर ड्रोन के सहायता ली जा सकती है. अगले माह इसको लेकर दोबारा से बैठक होगी, जिसमें जिलों से आयी रिपोर्ट के आधार पर कहां पर कितना ड्रोन रहेगा. इस पर निर्णय लिया जायेगा.
सभी जिलों को कहा गया है कि वे ऐसे क्षेत्रों की पहचान कर वहां के वृद्धजन, दिव्यांग, बच्चे, गर्भवती व धातृ महिलाओं की पहचान कर लें, ताकि बाढ़ आने की स्थिति में प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षित बाहर निकाला जा सके.
संक्रमण को देखते हुए मास्क वितरण योजना पर विभाग ने कहा है कि संबंधित ग्राम पंचायत यह सुनिश्चित करें कि सभी परिवार के लोगों को मास्क की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करायेंगे, ताकि कोरोना का फैलाव रोका जा सके. लोगों को सुरक्षित स्थानों तक लाने के दौरान सोशल डिस्टैंसिंग सहित अन्य नियमों का पालन करने को कहा गया है. इस बार भी नावों या मोटर बोटों को भी आवश्यकता के अनुसार सैनिटाइज किया जायेगा ताकि कोरोना संक्रमण का फैलाव नहीं हो.
Posted by Ashish Jha