पटना. बिहार को केंद्र सरकर से विशेष वित्तीय सहायता प्रदान करने से जुड़े एक विधेयक पर राष्ट्रपति ने अहम निर्देश दिया है. राजद के राज्यसभा सांसद अमरेंद्रधारी सिंह उर्फ़ एडी सिंह द्वारा पेश किए किए गए एक विधेयक पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को विधेयक पर विचार करने की सिफारिश की है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सिफारिश की है कि राज्यसभा में राजद विधायक एडी सिंह द्वारा पेश बिहार को विशेष वित्तीय सहायता देने वाले विधेयक पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को विचार करना चाहिए.
निजी विधेयक के ऊपर दी अपनी राय
राजद सांसद एडी सिंह ने राजद और जदयू दोनों की प्रमुख मांग को आगे बढ़ाते हुए इस विधेयक को सितंबर में उच्च सदन में एक निजी सदस्य के विधेयक के रूप में पेश किया था. राजद सांसद एडी सिंह ने 1 सितम्बर 2023 को बिहार राज्य को विशेष वित्तीय सहायता विधेयक, 2023 राज्य सभा में पेश किया था. इसी को लेकर अब राष्ट्रपति ने निर्देश जारी किया है. इसमें कहा गया है कि भारत के राष्ट्रपति ने संसद सदस्य एडी सिंह द्वारा बिहार राज्य को विशेष वित्तीय सहायता विधेयक, 2023 के विषय में सूचित किए जाने पर, संविधान के अनुच्छेद 117(3) के तहत राज्य सभा द्वारा विधेयक पर विचार करने की सिफारिश की है.
बिहार मांगता रहा है केंद्र से विशेष दर्जा
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग राजद सहित बिहार में सत्तारूढ़ नीतीश सरकार लम्बे अरसे से करते रही है. राजद सांसद अमरेंद्रधारी सिंह उर्फ़ एडी सिंह ने भी बिहार के विभिन्न मानकों पर पिछड़ेपन के मुद्दे को ध्यान आकृष्ट किया है. इसी के लिए उन्होंने केंद्र सरकार से बिहार के लिए विशेष वित्तीय सहायता प्रदान करने की मांग की है. राजद सांसद ने अपनी इस मांग के लिए ही बिहार राज्य को विशेष वित्तीय सहायता विधेयक, 2023 राज्य सभा में पेश किया था. अब इस पर राष्ट्रपति ने विधेयक पर विचार करने की सिफारिश की है.
नीतीश कुमार का रहा है कि बड़ा एजेंडा
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में जातीय सर्वे रिपोर्ट जारी करने के बाद कहा था कि बिहार में 94 लाख से ज्यादा ऐसे परिवार हैं, जिनकी मासिक आमदनी 6 हजार रुपए तक महीना है. सीएम नीतीश ने ऐसे परिवारों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की है. इसमें प्रत्येक परिवार को 2 लाख रुपए देने की योजना है. उन्होंने इसे साकार करने के लिए केंद्र से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की है. अब इसी क्रम में एडी सिंह के विधेयक पर राष्ट्रपति की सिफारिश ने एक और नई उम्मीद है जिससे बिहार को विशेष वित्तीय सहायता मिल सकता है.
अतिरिक्त सहायता पर भी अब लगा दी गयी है रोक
दोनों पार्टियां दो दशकों से राज्य के विभाजन के बाद बिहार के लिए “विशेष दर्जे” की मांग कर रही हैं, उनका तर्क है कि बिहार को झारखंड के राजस्व का एक महत्वपूर्ण नुकसान हुआ है. केंद्र ने 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर किसी भी राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा देने से इनकार कर दिया है, हालांकि ओडिशा और आंध्र प्रदेश ने भी इसी तरह की दलील दी है. राजद सांसद ने अपनी पार्टी से मांग करते हुए कई मानकों पर बिहार के पिछड़ेपन को उजागर किया.
आंध्र प्रदेश की तरह बिहार भी चाहता है मदद
वैसे केंद्र ने 2018 में ही संसद में अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा था कि 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के बाद, विशेष श्रेणी वाले राज्यों का अस्तित्व समाप्त हो गया है और इस प्रकार, किसी भी राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा नहीं दिया गया है. हालाँकि, केंद्र सरकार 2015-16 से 2019-20 के दौरान राज्य को मिलने वाले अतिरिक्त केंद्रीय हिस्से की भरपाई के लिए आंध्र प्रदेश राज्य को विशेष सहायता देने पर सहमत हुई है, यदि केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) का वित्तपोषण किया जाता है. केंद्र और राज्य के बीच 90:10 के अनुपात में साझा किया गया होगा.