राष्ट्रपति चुनाव: वोट डालने पहुंचे तेजस्वी, स्ट्रेचर पर आये भाजपा विधायक, नीतीश कुमार नहीं करेंगे मतदान

राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान की प्रक्रिया जारी है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मतदान के लिए विधानसभा पहुंचे हैं. राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग की प्रक्रिया सुबह 10:00 बजे से शुरू हो चुकी है. बिहार विधानसभा स्थित लाइब्रेरी में बनाए गए मतदान केंद्र के अंदर वोटिंग का सिलसिला जारी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 18, 2022 11:25 AM
an image

पटना. राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान की प्रक्रिया जारी है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मतदान के लिए विधानसभा पहुंचे हैं. राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग की प्रक्रिया सुबह 10:00 बजे से शुरू हो चुकी है. बिहार विधानसभा स्थित लाइब्रेरी में बनाए गए मतदान केंद्र के अंदर वोटिंग का सिलसिला जारी है. विधायक और राज्य सरकार के कई मंत्री आज सदन में पहुंचकर मतदान कर रहे हैं. तेजस्वी यादव के अलावे राजद के दूसरे विधायक भी विधानसभा पहुंचे हैं.

मतदान का अधिकार हासिल नहीं

बिहार के दोनों डिप्टी सीएम भी विधानसभा में वोट डालने पहुंच गये हैं, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राष्ट्रपति चुनाव में मतदान का अधिकार हासिल नहीं है. लिहाजा वह वोटिंग की प्रक्रिया से दूर हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार विधानसभा के नहीं बल्कि विधान परिषद के सदस्य हैं और विधान परिषद के सदस्यों को राष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने का अधिकार हासिल नहीं है. इसी लिए कई मंत्री भी आज राष्ट्रपति चुनाव में वोट नहीं डालेंगे.

स्ट्रेचर पर लेटकर पहुंचे भाजपा विधायक

बीजेपी विधायक मिथिलेश कुमार को वोटिंग के लिए स्ट्रेचर पर लाया गया है. मिथिलेश कुमार सीतामढ़ी से बीजेपी के विधायक है. पिछले महीने उनका एक्सीडेंट हो गया था. सड़क हादसे में बुरी तरह से घायल हुए मिथिलेश कुमार की तबीयत पहले से ठीक है, लेकिन फिलहाल वह चलने में असमर्थ हैं, लेकिन बात राष्ट्रपति चुनाव की थी तो देश के प्रथम नागरिक को चुनने के लिए लोकतंत्र ने बीजेपी विधायक को जो अधिकार दिया है उसे वह छोड़ना नहीं चाहते थे. यही वजह रही कि स्ट्रेचर पर लेट कर वह विधानसभा पहुंचे और अपने सहयोगियों की मदद से मतदान केंद्र पहुंचकर वोट डाला.

मतदान बेहद महत्वपूर्ण

भाजपा विधायक ने मतदान के बाद कहा है कि द्रौपदी मुर्मू समाज के जिससे तबके से आती हैं और भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरह उन्हें उम्मीदवार बनाया है. ऐसी स्थिति में मतदान बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है. लोकतंत्र ने राष्ट्रपति चुनाव में मताधिकार का प्रयोग चुनिंदा जन प्रतिनिधियों को दिया है. सांसदों के अलावे विधायकों को यह अधिकार प्राप्त है और ऐसे में मैं अपने अधिकार से वंचित नहीं होना चाहता था. यही वजह रही कि एक्सीडेंट होने के बावजूद वह विधानसभा पहुंचे हैं और अपना वोट डाला है.

Exit mobile version