राजकुमार रंजन, दरभंगा. बालू की किल्लत के चलते निजी व सरकारी निर्माण कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. खनन बंद होने के करीब 11 दिन में बालू की कीमत में करीब दोगुनी बढ़ोतरी हो गई है. चार हजार रुपए प्रति सीएफटी बिकने वाला बालू साढे आठ हजार से नौ हजार रुपए बिक रहा है. बालू खनन फिर से शुरू होने तक रेट और उपर चढ़ने की आशंका जतायी जा रही है.
आसमान पर कीमत चढ़ जाने से निर्माण कार्य पर प्रतिकूल असर पड़ना प्रारंभ हो गया है. बालू खनन में संलिप्त, व्यवसायिक वाहन पर लोड-अनलोड में शामिल, भवन निर्माण सामग्री की दुकानों में कार्यरत मजदूरों के अलावा सरकारी एवं निजी निर्माण कार्य में शामिल कामगारों के सामने बेकारी की समस्या पैदा होने लगी है. पूर्व से लॉकडाउन की मार झेल रहे मजदूरों के समक्ष रोजी-रोटी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो रही है.
पहले से बालू का भंडारण कर चुके व्यवसायी इसे उंची कीमत पर बेच रहे हैं. साथ ही बरसात के दिनों में और अधिक दाम में बेचे जाने को लेकर बालू नहीं होने की भी बात ग्राहकों से कही जा रही है. इससे वैसे लोग अधिक परेशान हैं, जिनके मकान निर्माण का काम चल रहा है. कारोबारी पहले से ही प्रचुर मात्रा में बालू डंप कर रखे हैं, ताकि निर्माण कार्य से जुड़े संवेदकों व आम लोगों को मनमाने रेट बेच सके.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के अनसार सितंबर महीने तक बालू का खनन नहीं हो सकेगा. इस तरह अगले तीन माह तक बालू की समस्या रहेगी. हर वर्ष खनन 30 जून को बंद हो जाता है.
अरवल, लखीसराय, कोइलवर आदि क्षेत्र से बालू ढोने वाले ट्रक संचालक का कहना है कि बड़े पैमाने पर बालू का स्टॉक घाटों पर ही कर रखा गया है. इसका सीधा असर बाजार पर पड़ा है. बालू की सप्लाई 50 फीसद तक घट गई है. खुदरा विक्रेताओं के पास बालू नहीं पहुंच पा रहा है. यही कारण है कि बाजार में रेट नियंत्रण से बाहर होता जा रहा है. रास्ते में जगह-जगह नाजायज राशि मांगी जाती है. नहीं देने पर चालक और खलासी के साथ मारपीट होती है.
अब तो वाहन को लगाकर किस्त अदा करना पड़ेगा. ट्रक व ट्रेक्टर मालिक मनोज सिंह, सतीश कुमार, रमेश यादव, रामेश्वर यादव, पप्पू सिंह, सुभाष सिंह, प्रवीण, मुन्ना सिंह आदि ने बताया कि अंडर लोड ट्रक को ले जाए जाने के बाद भी रास्ते में जबरन चालान काट दिया जा रहा है. इससे परेशान होकर ट्रक दरवाजे पर खड़े कर दिए हैं.
मब्बी एनएच पर बालू कारोबार से जुड़े दिनेश सिंह ने बताया कि बड़े ट्रकों को ढुलाई की जगह घाटों पर बालू स्टॉक करने में लगा दिया गया है. इससे बाजार में रेट नियंत्रण से बाहर है. सैदनगर के बालू कारोबारी विपिन कुमार ने बताया कि अवैध खनन और अवैध स्टॉक को प्रोत्साहित किया जा रहा है. बालू का व्यवसाय दबंगों व विभागीय अधिकारियों के लिए सोना बन गया है. बालू माफिया फल फूल रहे हैं. कीमत आसमान छू रही है. पहले जहां प्रतिदिन 40 से 50 के बीच ट्रक आ जाता था, इन दिनों मुश्किल से 5 से 10 बालू लदा ट्रक आ रहा है.
शास्त्री नगर निवासी रमन कुमार एक कट्ठा जमीन में मकान बनवा रहे हैं. उनका कहना है कि भवन निर्माण सामग्री की कीमत लगातार बढ़ रही है, परंतु जिस रफ्तार से बालू की कीमत बढ़ी है, इस वर्ष घर बनाना संभव नहीं है.
अललपट्टी इंदिरा कॉलोनी निवासी शोएब अख्तर ने बताया कि एक महीना पहले साढे सात हजार रुपए में सौ सीएफटी बालू मंगवा रहे थे. 10 जून को पता चला कि बालू में हजार रुपए की वृद्धि हो गई है. 13 जून को पता चला कि खनन बंद होने से ट्रक कम आ रहा. अब नौ हजार रुपया प्रति सौ सीएफटी बालू की बिक्री हो रही है. लिंटर तक कार्य करा कर कार्य पर रोक लगाने का निर्णय ले लिया है.
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