सब्जियों के दाम आम लोगों की पहुंच से काफी पर चले गए हैं. लोग किसी तरह सब्जियां खरीद रहे हैं. हालात यह है कि किलोग्राम से नहीं, बल्कि पाव के हिसाब से सब्जियों की खरीदारी की जा रही है. इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. खासकर महिलाएं अपने रसोई के लिए बजट में सामंजस्य नहीं बैठा पा रही हैं. उन्हें काफी परेशानी हो रही है.
60 से 70 रुपए प्रति किलो बिक रहा है भिंडी
शहर में 60 से 70 रुपए प्रति किलो भिंडी की बिक्री की जा रही है.जबकि दस दिन पहले 20 से 25 रुपए प्रति किलो भिंडी की बिक्री हो रही थी.आलू का दाम 160 रुपए के पार हो चुका है.नगर सहित जिले में 5 किलो आलू की कीमत व्यापारी खरीदारों से 160 रुपए वसूल रहे हैं.इससे लोग लाचार हो चुके हैं.सामान्य लोगों के पहुंच के बाहर आलू सहित अन्य सब्जियों की कीमत हो गई है.लोगों के रसोई का जायका बिगड़ गया है.वही बजट भी सीमा पार कर चुका है.सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं.हालात यह है कि लोग सब्जी खरीदते समय त्राहिमाम करने लग रहे हैं. सब्जी को लेकर लोगों के बीच हाहाकार मचा हुआ है. गृहिणियां सबसे अधिक परेशान हैं. पर प्रशासन द्वारा इस पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है.सब्जी विक्रेताओं द्वारा ग्राहकों से मनमानी कीमत वसूला जा रहा है.
जमाखोरों के कारण बढ़ी है कीमत
आलू की कीमत नगर के जमाखोरों के कारण बढ़ी है. प्रशासन द्वारा जांच की जाए तो जमाखोरों की काले करतूत सामने आ सकते हैं.जमाखोरों द्वारा आलू को अपने हिसाब से बाजार में लाया जा रहा है और मनमानी कीमत वसूल किया जा रहा है. इससे आलू की कीमत में आग लग गई है.
उत्पादकों को नहीं मिलता है लाभ
सरकार लगातार किसानों की आमदनी को बढ़ाने की बात करती है. पर बेचारे किसानों की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर है कि अपने उत्पादन का पूरी कीमत नहीं ले पाते हैं. व्यापारी मनमाने ढंग किसानों के मजबूरी का लाभ उठाकर उनसे सब्जियों को खरीद लेते हैं और बाजार में लाकर काफी महंगे दाम पर बेच रहे हैं. इस तरह व्यापारियों को दोहरा लाभ हो रहा है. किसान और ग्राहक दोनों इनके मनमानी का शिकार हो रहे हैं.
सब्जियों की नहीं है कमी ,फिर भी कीमत मनमानी
बाजार में सब्जियों की कोई कमी नहीं है. भरपूर मात्रा में सब्जी उपलब्ध है. फिर भी व्यापारियों द्वारा इनका मनमानी कीमत वसूला जा रहा है. प्रशासन मुकदर्शक बनकर देख रहा है.सब्जियों को खरीदते समय लोग काफी कठिनाई महसूस कर रहे हैं.
पाव से बिक रही है सब्जियां
सब्जियों की महंगाई का हालात यह है कि सब्जियां किलो के भाव से नहीं बेची जा रही हैं. बल्कि सब्जी विक्रेता सब्जियों का दर पाव में बता रहे हैं. इस मामले में फिलहाल आरा दिल्ली की तरह बन गया है.जहां सब्जियां किलो से नहीं पाव से बिकती हैं. अब देखना है कि प्रशासन कब तक सब्जियों के भाव पर नियंत्रण स्थापित करता है.
सब्जियों के भाव पर एक नजर
आलू | 35 रुपए | केजी |
टमाटर | 15 रूपये | पाव |
प्याज | 60 रूपये | किलो |
कद्दू | 30 रुपये | कद्दू (छोटा) |
बैगन | 15 रुपये | पाव |
भिंडी | 15 रुपये | पाव |
नेनुआ | 20 रुपये | पाव |
करैला | 25 रुपये | पाव |
परवल | 20 रुपये | पाव |
बोरो | 15 रुपये | पाव |