सहरसा. जिले में कहरा प्रखंड स्थित बलहा गढिया संकुल के मुरली बसंतपुर पंचायत स्थित मुरली भरना नवसृजित प्राथमिक विद्यालय गुलाम रसुल टोला में बच्चे अभी भी जमीन पर बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं. सरकार द्वारा शत प्रतिशत नामांकित बच्चे को विद्यालय तक लाने के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है लेकिन मुरली भरना विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति काफी कम देखी गई. विद्यालय के दो कमरे होने के बावजूद एक कमरे में ही वर्ग 1 से लेकर 5 वर्ग के विद्यार्थी एक साथ बैठकर कैसी पढ़ाई करते हैं इसका अंदाज लगाया जा सकता है.
ग्रामीण मोहम्मद अशराफुल ने बताया की सरकार द्वारा सारी सुविधा मुहैया कराने के बावजूद विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा बच्चों की पढ़ाई में काफी लापरवाही बढ़ती जा रही है. उन्होंने बताया कि विद्यालय के परिसर में मवेशी बंधी रहती है.आगे जंगल रहने के कारण बच्चों को बहुत दिक्कत होती है.विद्यालय में शौचालय तो बना हुआ है लेकिन गंदगी के कारण इसे बंद ही रखा जाता है. शौचालय के अभाव में बच्चों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
प्रधानाध्यापक नागेश्वर रजक ने बताया की विद्यालय में तीन सहायक शिक्षक, 98 बच्चे नामांकित हैं. जिसमें प्रतिदिन 20 से 25 बच्चों की उपस्थिति रहती है. कभी-कभी इसकी संख्या 50 से 60 तक भी पहुंच जाती है. उन्होंने कहा की पिछड़ा-अल्पसंख्यक,दलित के बच्चों की पढ़ाई के साथ साथ सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं. लेकिन अभिभावको की लापरवाही भी विद्यालय के व्यवस्थित होने में बाधक बनी हुई है.