बिहार में छात्रा से दुष्कर्म करने वाले प्रिसिंपल को सजा ए मौत, सहयोगी एकाउंटेंट को उम्रकैद
इस कोर्ट का यह पहला फैसला है, जिसमें पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज दुष्कर्म के मामले में फांसी की सजा दी गयी है. प्रिंसिपल का सहयोग करने के आरोप में पकड़े गये आरोपित एकाउंटेंट अभिषेक कुमार (मित्रमंडल कॉलोनी, बेऊर) को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनायी है.
पटना. फुलवारीशरीफ के न्यू सेंट्रल पब्लिक स्कूल में पांचवीं क्लास की छात्रा से दुष्कर्म के दोषी प्रिसिंपल राज सिंघानिया उर्फ अरविंद सिंह को फांसी की सजा सुनायी है. पटना सिविल कोर्ट की विशेष अदालत के जज अवधेश कुमार ने सोमवार को अपना फैसला सुनाया.
इस कोर्ट का यह पहला फैसला है, जिसमें पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज दुष्कर्म के मामले में फांसी की सजा दी गयी है. दोषी प्रिसिंपल फुलवारीशरीफ के सब्जपुरा का निवासी है. वहीं, प्रिंसिपल का सहयोग करने के आरोप में पकड़े गये आरोपित एकाउंटेंट अभिषेक कुमार (मित्रमंडल कॉलोनी, बेऊर) को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनायी है.
विशेष लोक अभियोजक सुरेश चंद्र ने बताया कि पीड़िता स्कूल की छात्रा थी. प्रिंसिपल द्वारा उसे डरा-धमका कर दुष्कर्म किया जाता रहा. किसी-न-किसी बहाने प्रिंसिपल छात्रा को अपने कार्यालय कक्ष में बुलाता था और दुष्कर्म करता था. करीब छह-सात बार उसने यह कुकृत्य किया.
पीड़िता ने अपने बयान में यह बताया है कि प्रिंसिपल दुष्कर्म के बाद चाकू से जान मारने और वीडियो बनाने की धमकी भी देता था. इस मामले में विशेष लोक अभियोजक ने कुल छह गवाहों से गवाही करायी.
कोर्ट ने प्रिंसिपल को धारा 376 और धारा 6 पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी पाते हुए फांसी व एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी. जबकि दूसरे आरोपित अभिषेक कुमार को उम्रकैद व 50 हजार जुर्माने की सजा दी.
दुष्कर्म कर बनाया वीडियो और वायरल करने की दी थी धमकी
छात्रा स्कूल खत्म होने के बाद उसी जगह पर चलने वाली कोचिंग में पढ़ने आती थी. इसी दौरान छात्रा को प्रिंसिपल ने हैंडराइटिंग की जांच के लिए अपने कार्यालय कक्ष में बुलाया. उसने कार्यालय कक्ष से सटा हुआ एक सीक्रेट रूम बना रखा था. वह बात करते-करते छात्रा को उसी रूम में ले गया और फिर जबरन दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया.
इस दौरान प्रिंसिपल ने वीडियो भी बना ली थी और छात्रा को धमकी दी थी कि अगर उसने किसी को बताया तो वह उस वीडियो को वायरल कर देगा. इसके साथ ही उसे जान से मार दिया जायेगा. 11 वर्षीय छात्रा डर गयी थी और उसने अपने परिजनों को कुछ नहीं बताया.
इस मामले में गिरफ्तार हुआ राज सिंघानिया उर्फ अरविंद बैंक पीओ की नौकरी छोड़ कर फुलवारीशरीफ में स्कूल चला रहा था. वह शादीशुदा नहीं था और उसकी उम्र मात्र 26 साल थी.
भ्रूण की डीएनए जांच से हुई थी पुष्टि
इस पूरे मामले की पोल उस समय खुली जब छात्रा के शरीर में परेशानी होने लगी और बदलाव दिखने लगा. परिजनों ने उसे डॉक्टर को दिखाया और फिर गर्भवती होने की जांच करायी गयी. इसमें उसके गर्भवती होने की पुष्टि हो गयी और फिर छात्रा के बयान के बाद प्रिंसिपल की पोल खुल गयी. इसके बाद छात्रा के शरीर में मिले भ्रूण व आरोपित प्रिसिंपल के शरीर के अंश की डीएनए जांच करायी गयी. टेस्ट में यह पुष्टि हो गयी कि छात्रा के शरीर में मिला भ्रूण प्रिंसिपल का ही है.
एकाउंटेंट देता था पहरा और प्रिंसिपल करता था दुष्कर्म
छात्रा से दुष्कर्म का मामला 19 सितंबर, 2018 को महिला थाने में दर्ज किया गया था. उस समय पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रिंसिपल राज सिंघानिया उर्फ अरविंद सिंह व एकाउंटेंट अभिषेक कुमार को गिरफ्तार कर लिया था.
इस मामले में जो बातें जांच में आयी थीं कि उनके अनुसार, मामला दर्ज होने के एक माह पहले से ही प्रिंसिपल स्कूल में ही दुष्कर्म की घटना को अंजाम देता था, जबकि उसका एकाउंटेंट अभिषेक कुमार कार्यालय के बाहर पहरा देता था. प्रिसिंपल छात्रा को कभी पढ़ाने तो कभी कॉपी जांच करने तो कभी हैंडराइटिंग चेक करने के लिए अकेले बुलाता और उसके साथ दुष्कर्म करता.
अय्याशी के लिए बनाया था सीक्रेट रूम
प्रिंसिपल अरविंद सिंह ने अय्याशी के लिए ही स्कूल कार्यालय से सटे सीक्रेट रूम बनाया था. उस रूम में बेड के अलावा टीवी, फ्रिज आदि की भी व्यवस्था कर रखी थी. प्रिंसिपल हमेशा उसी रूम में अधिकतर रहता था और उसके कुछ दोस्त भी बराबर आकर बैठकी लगाते थे.
Posted by Ashish Jha