पटना. मॉनसून सत्र के तीसरे दिन बिहार विधानसभा की कार्यवाही जहां एक ओर अग्निपथ योजना पर विपक्ष के विरोध की भेंट चढ़ गया. वहीं दूसरी ओर दोपहर बाद सदन की कार्यवाही शुरु होने पर जदयू के सदस्य भी बाहर रहे. मंगलवार सदन की कार्यवाही भोजनावकाश के बाद दो बजे शांतिपूर्ण तरीके से चली, लेकिन इस दौरान जदयू का एक भी विधायक सदन में मौजूद नहीं रहा. विधानसभा में उत्कृष्ट विधायक को लेकर चर्चा चली. भाजपा के विधायक संजय सरावगी की तरफ से दिए गए प्रस्ताव पर यह चर्चा शुरु हुई. जदयू के विधायकों को विधानसभा स्थित वाचनालय में बुला लिया गया. सदन में मौजूद तीन मंत्री सुनील कुमार, शीला मंडल और मदन सहनी भी बुालावे के बाद सदन से बाहर चले गए. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने गुस्साकर सदन की कार्यवाही को बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.
इससे पहले विधानसभा की कार्यवाही को पहली बार 12 बजे और फिर दोबारा दो बजे तक के लिए स्थगित किया गया. आज विपक्ष ने सदन के अंदर और बाहर जमकर नारेबाजी की. बढ़ते हंगामे को देखते हुए सदन के अंदर और बाहर भारी पुलिस फोर्स की तैनाती की गई थी. आज सुबह नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सदन के बाहर मीडिया से बातचीत में कहा कि अग्निपथ पर सदन में चर्चा करना चाहते थे, लेकिन हमारी मांग को नामंज़ूर कर दिया जा रहा है. राज्य सरकार कह रही है कि यह बिहार का नहीं, केंद्र का मामला है. लेकिन यह मुद्दा देश के साथ-साथ बिहार का भी है. इस आंदोलन में कई छात्रों पर मामला दर्ज कर लिया गया है. कई कोचिंग सेंटरों को परेशान किया जा रहा है. उन पर किए गए मुकदमे को वापस लिया जाए.
तेजस्वी ने कहा कि अग्निपथ पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का स्टैंड क्या है, यह साफ होना चाहिए. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इन मुद्दों पर नीतीश कुमार को अपनी स्थिति साफ करनी चाहिए. इन सब के बीच 12 बजे कार्य मंत्रणा समिति की बैठक भी हुई. विधानसभा अध्यक्ष के नेतृत्व में कार्य मंत्रणा की बैठक में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, डिप्टी सीएम रेणु देवी, संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी, कांग्रेस से अजीत शर्मा, जीतन राम मांझी, एआईएमआईएम से अखरूल इमाम, वाम दल के सत्यदेव राम और महबूब आलम मौजूद थे. हालांकि कार्य मंत्रणा समिति की मीटिंग विफल रही और दोनों पक्ष एकमत नहीं हो सके.