पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट को तेजी से प्रमोट करने सहित राज्य में एग्रीकल्चर मार्केट को बेहतर ढंग से विकसित करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी. बाजार की आधारभूत संरचना के विकास के लिए और तेजी से काम करना होगा.
मुख्यमंत्री ने ये बातें शुक्रवार को एग्रीकल्चरल मार्केटिंग इनिशिएटिव के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों और भविष्य की योजनाओं पर कृषि विभाग के प्रजेंटेशन के बाद 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में कहीं. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिग का चलन तेजी से विकसित हो रहा है.
मोतिहारी के दौरे में आलू अनुबंध कृषि मॉडल का मुआयना किया था, जो काफी अच्छा था. साथ ही इस कार्य से जुड़े किसानों की जानकारी से काफी प्रभावित हुआ था. उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 से ही कृषि शिक्षा के क्षेत्र में पहल की गयी है. नये विश्वविद्यालयों और कॉलेज की स्थापना की गयी है. इससे राज्य के छात्रों में कृषि शिक्षा के प्रति आकर्षण बढ़ा.
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक तीन कृषि रोड मैप बनाये गये हैं. कृषि रोड मैप बनाने के पूर्व किसान पंचायत के माध्यम से बड़ी संख्या में किसानों के सुझाव और सलाह ली जाती है. उन्होंने कहा कि राज्य में फसलों का उत्पादन और उत्पादकता दोनों बढ़ी है.
मखाना, चावल, गेहूं, मक्का आदि फसलों का प्रोड्क्शन काफी बढ़ा है. यहां के लोगों की आमदनी का बहुत बड़ा आधार कृषि कार्य है. हमलोगों का लक्ष्य सिर्फ फसलों का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाना ही नहीं है, बल्कि किसानों की आमदनी भी बढ़ानी है.
बैठक में कृषि विभाग के सचिव एन सरवन कुमार ने एग्रीकल्चरल मार्केटिंग इनिशिएटिव के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों और भविष्य की योजनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी. कृषि सचिव ने बताया कि 2008 में एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट तीन करोड़ रुपये का था. यह वर्ष 2020 में बढ़कर 2,617 करोड़ रुपये का हो गया है.
बैठक में कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव त्रिपुरारि शरण, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, कृषि विभाग के सचिव एन सरवन कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, कृषि निदेशक आदेश तितरमारे, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे.
Posted by Ashish Jha