पटना. उत्तर पुस्तिका खरीद व आउटसोर्सिंग कर्मियों के भुगतान में गड़बड़ी का अारोप लगा कर चर्चा में आये मौलाना मजहरूल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो मो. कुद्दुस ने इस्तीफा दे दिया. उन्होंने शुक्रवार की दोपहर राजभवन में अपना इस्तीफा रिसीव कराया. उन्होंने बताया कि विवि में मेरा कोई सहयोग नहीं कर रहा था, इसलिए मैंने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि विवि में काम करने का माहौल नहीं रह गया है. विवि में 18 दिसंबर से परीक्षा तय थी, लेकिन कर्मियों के सहयोग नहीं करने की वजह से शेड्यूल फेल हो गया.
वहीं, सरकार से पैसा आये बिना इंटर्नल फंड से जबरन भुगतान करने का दबाव कर्मियों द्वारा बनाया जा रहा है. प्रो कुद्दुस ने 22 अगस्त, 2021 को विवि में अपना योगदान दिया था. उन्होंने विवि के प्रभारी कुलपति डॉ सुरेंद्र प्रताप सिंह के निर्णयों पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय और राज्यपाल को पत्र लिखा था, जिसमें परीक्षा के लिए कॉपियों की खरीद अधिक दर पर करने और आउटसोर्सिंग कर्मियों को अधिक भुगतान करने का आरोप लगाया था. इसके बाद सीएम ने राज्यपाल सह कुलाधिपति से मिलकर जांच कराने का अनुरोध किया था.
उन्होंने कहा कि सिंडिकेट ने भी कर्मियों को फंड डायवर्ट कर कर्मियों को वेतन देने का निर्णय लिया. लेकिन सिंडिकेट के निर्णय को मैं तभी लागू कर सकता हूं, जब राजभवन व सरकार से उसे मंजूरी मिले. क्योंकि गलत निर्णय को सीधे लागू करने के लिए मैं बाध्य नहीं हूं. यह आर्टिकल 266 का उल्लंघन है. प्रत्याशा में अगर फंड डायवर्ट कर पेमेंट तभी किया जा सकता है, जब वह वेतन बाद में सरकार भेजे और उसे फिर एडजस्ट किया जाये. लेकिन सरकार तो छह वर्षों से पैसा नहीं भेज रही है. विवि में सिर्फ सात लोगों का ही वेतन सरकार भेज रही है. वह भी तीन-चार महीने से नहीं आया है. अब तक छह करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान विवि द्वारा कर दिया गया है.
बैठक में बुलाने पर नहीं गये कुलसचिव कर्मियों की नियुक्ति में ओवरएज में नौ लोगों का नाम है. उक्त मामले को लेकर 15 दिसंबर को उच्च शिक्षा विभाग में कुलसचिव को बुलाया गया था लेकिन वे नहीं गये. इस मामले में कुलसचिव डॉ हबीबुर्र रहमान ने कहा कि उनकी तबीयत उस दिन खराब थी, इसकी सूचना उन्होंने उच्च शिक्षा विभाग व कुलपति को दे दी थी. इसके बाद उन्होंने सभी पेपर जाकर दे दिया था और बैठक के लिए वे कभी भी तैयार हैं. कुलपति ने परीक्षा विभाग के द्वारा सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया. कुलसचिव ने इस मामले में कहा कि परीक्षा 18 से तय नहीं थी एस्पेक्टेड थी. आलिम-फाजिल की परीक्षा 21 दिसंबर से होनी है. वह तय समय पर होगी.
उन्होंने यह भी कहा कि कुलपति एक जिम्मेवार पद पर हैं, इस प्रकार से गलत बयान न दें. परीक्षा नियंत्रक सैयद शौकत अली ने कहा कि कुलपति के द्वारा कर्मियों को सैलरी रोकने की वजह से काम-काज में थोड़ा फर्क पड़ा है लेकिन आगे जो परीक्षाएं होनी हैं, उन्हें समय पर कराने के लिए कर्मियों से सहयोग के लिए वे अपील करेंगे. ताकि छात्रों का भविष्य बर्बाद न हो. मो. कुद्दुस ने विवि में कॉपियों की खरीद से लेकर आउटसोर्सिंग कर्मियों को अधिक भुगतान तक की गड़बड़ियों को लेकर सीएम व राजभवन को पत्र लिखा था
प्रो कुद्दुस ने विवि में परीक्षा के लिए कॉपियों की अधिक दर पर खरीद और आउटसोर्सिंग कर्मियों को अधिक भुगतान को लेकर सीएम से राजभवन तक को पत्र लिखे थे. उक्त मामले में उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिंग के 45 कर्मियों को भुगतान करने को लेकर उन्होंने ऑर्डर कर दिया है लेकिन कुलसचिव के द्वारा उनको भुगतान नहीं किया जा रहा है. उनपर लगातार कई जगहों से और ऊंचे सोर्स से फोन कराकर 80 कर्मियों को भुगतान करने और कॉपियों के लिए अतिरिक्त राशि देने को लेकर दबाव बनाया जा रहा है. इसकी सूचना भी उन्होंने सीएम के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर दी है.
स्टोर रूम से कई सामान गायब
कुलपति ने कहा कि हज भवन से मीठापुर कार्यालय शिफ्टिंग में विवि के कई सामान गायब हैं. इनकी जांच के लिए एक शिक्षक को एपॉइंट कर जब मैंने जांच करानी चाही, तो उसमें कोई उसमें सहयोग नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि किसी जांच एजेंसी से यह जांच होनी चाहिए कि वहां कितना सामान था और यहां आने पर कितना सामान है. इसके अतिरिक्त अन्य सभी मामलों की भी जांच एजेंसी के माध्यम से उन्होंने जांच की मांग की है.
Posted by: Radheshyam Kushwaha