बिहार: कुख्यात निरंजन मंडल की चल-अचल संपत्ति जब्त करेगी ED, तीन दर्जन मामलों में है आरोपी
ईडी ने बिहार के खरीक, बिहपुर और नवगछिया में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पीएमएलए, 2002 के तहत निरंजन सिंह उर्फ निरंजन मंडल और उनके परिवार के सदस्यों की 62 लाख रुपये (लगभग) की 12 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है.
बिहार में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कार्रवाई करते हुए बिहपुर थाना क्षेत्र के लत्तीपुर गांव निवासी कुख्यात निरंजन मंडल की काली कमाई और अपराध के बूते अर्जित चल-अचल संपत्तियों को ईडी पीएमएलए 2002 के तहत जब्त करेगी. इसके लिए इयूओ (आर्थिक अपराध इकाई) एसपी ने नवगछिया एसपी को पत्र लिखा है. पत्र में एसपी इयूओ (आर्थिक अपराध इकाई) ने कहा है कि उनके द्वारा 10 नवंबर 2017 को लत्तीपुर गांव निवासी अपराधी निरंजन मंडल वर्तमान निवासी निरंजन नगर थाना खरीक के द्वारा आपराधिक करतूतों से अर्जित परिसंपत्तियों को जब्त करने संबंधी प्रस्ताव को आगे की कार्रवाई के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भेज दिया गया था.
प्रवर्तन निदेशालय ने अब आगे की कार्रवाई के लिए मांगा ब्योरा
प्रवर्तन निदेशालय ने अब आगे की कार्रवाई के लिए निरंजन मंडल के खिलाफ आरोप पत्र गठित कर कांडों के विवरण की स्थिति का ब्योरा मांगा है. इयूओ (आर्थिक अपराध इकाई) पटना के एसपी ने एसपी नवगछिया से कहा है कि वे ईडी द्वारा मांगी गयी जानकारी को जल्द से जल्द ईडी मुख्यालय को भेज दें, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके.
आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप
निरंजन मंडल पर कई आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप है. इन्हीं अपराधों की बदौलत उन्होंने कई संपत्ति अर्जित की है. ईडी की जांच में यह बात सामने आई है कि निरंजन मंडल ने अपने बेटे राजेश कुमार सिंह उर्फ राजेश मंडल के साथ मिलकर अपराध की कमाई से अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर 62 लाख रुपये की अचल संपत्ति अर्जित की थी.
विभिन्न थानों में दर्ज हैं कई आपराधिक मामले
नवगछिया पुलिस जिला के बिहपुर थानाक्षेत्र के लत्तीपुर गांव के रहने वाले कुख्यात अपराधी ने निरंजन मंडल अपराध के जरिये काली कमाई का एक बड़ा साम्राज्य खड़ा कर लिया है. इसके खिलाफ दर्जनों हत्या, लूट, डकैती समेत अन्य आपराधिक मामले विभिन्न थानों में दर्ज है.
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नब्बे के दशक नवगछिया क्षेत्र में निरंजन का था आतंक
कुख्यात निरंजन मंडल का नवगछिया पुलिस जिला में आपराधिक इतिहास रहा है. नब्बे के दशक में निरंजन मंडल की आपराधिक गतिविधियां चरमोत्कर्ष पर रही है. क्षेत्र में छोटे से लेकर बड़े आपराधिक कृत्यों पर निरंजन मंडल का नियंत्रण हुआ करता था. जातीय संघर्ष में भी खास जाति का आपराधिक सरगना बन कर नेतृत्व किया करता था. अपराध के बूते सैकड़ों बीघे जमीन पर निरंजन मंडल ने कब्जा जमा लिया. खासकर एक जाति विशेष के लोग इसके निशाने पर होते थे.
कब्जे की जमीन पर अपने नाम पर बसा लिया है गांव
कुख्यात निरंजन मंडल ने कब्जे की जमीन पर अपने नाम पर गांव बसा लिया है. यह गांव खरीक थाना क्षेत्र में निरंजन नगर के नाम से जाना जाता है. नवगछिया, बिहपुर, भवानीपुर, खरीक व नाथनगर थाने में निरंजन मंडल के खिलाफ तीन दर्जन आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसमें हत्या, लूट, रंगदारी, अपहरण जैसे कई संगीन गैरजमानतीय आरोप है.