बिहार के इस स्कूल में ड्रेस कोड का विरोध, धार्मिक पहनावे की मनाही पर हंगामा, जांच के लिए पहुंची टीम
बिहार के एक स्कूल में प्रिंसिपल द्वारा मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर स्कूल न आने की हिदायत देने पर अभिभावकों ने स्कूल परिसर में जमकर हंगामा किया. इससे भयभीत प्रधानाध्यापक सत्येन्द्र कुमार ने जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला पदाधिकारी से अपनी सुरक्षा की गुहार लगायी है.
बिहार के शेखपुरा जिला के नगर परिषद शेखोपुर सराय के चरुआंवा उत्क्रमित मध्य विद्यालय में शनिवार को जा कर हंगामा हुआ. दरअसल, शुक्रवार के दिन विद्यालय में मुस्लिम छात्राओं को प्रधानाध्यापक के द्वारा विद्यालय में हिजाब नहीं पहन कर आने के निर्देश दिया गया था. इसे लेकर मुस्लिम अभिभावकों ने विद्यालय परिसर में बवाल खड़ा कर दिया और जमकर हंगामा किया. इतना ही नहीं अभिभावकों ने हेडमास्टर को स्कूल में तालाबंदी की धमकी तक दे डाली. इस बात से डरे सहमे प्रधानाध्यापक सत्येंद्र कुमार ने ज़िला शिक्षा पदाधिकारी सहित जिला अधिकारी से अपनी सुरक्षा की गुहार लगायी है.
शिक्षा विभाग की टीम ने अभिभावकों के साथ की बैठक
शिकायत मिलने के बाद वरीय अधिकारी के द्वारा प्रखंड के शिक्षा पदाधिकरी को जांच करने का निर्देश दिया गया. इसके आलोक में शनिवार की सुबह प्रखंड शिक्षा अधिकारी के साथ जिला शिक्षा कार्यक्रम पदाधिकरी की एक टीम विद्यालय पहुंची. जहां शिक्षा विभाग की इस टीम ने मुस्लिम छात्राओं के अभिभावकों को समझाने के लिए एक बैठक आयोजित की.
स्कूल में ड्रेस पहन कर आना जरूरी
इस बैठक में अधिकारियों ने अभिभावकों को यह बताया की बिहार सरकार के द्वारा सरकारी विद्यालय में ड्रेस कोड की जो व्यवस्था प्रदान किया जा रहा है. उसे शत-प्रतिशत सरकारी विद्यालय में लागू करने के लिए हम अधिकारी सहित विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों को आदेश दिया जाता है. ताकि छात्र-छात्राएं पूरे ड्रेस कोड के साथ विद्यालय में अपनी उपस्थित दर्ज करें. इसलिए स्कूल में ड्रेस पहन कर आना जरूरी है.
सरकार ड्रेस पर खर्च कर रही करोड़ों रुपये
अधिकारियों ने कहा कि ड्रेस कोड को लेकर अपर सचिव के आदेशानुसार समय-समय पर निरीक्षण भी किया जा रहा है. जबकी, ड्रेस कोड को लेकर सरकार करोड़ों रुपये की राशि भी खर्च कर रही है. जिसके बाद भी छात्र छात्राएं ड्रेस में विद्यालय नहीं पहुंच पाती हैं. उन्होंने अभिभावकों को बताया की विद्यालय की विधि-व्यवस्था बनाएं रखने के लिए आपका सहयोग हमारे लिए अनिवार्य है. अतः आप तमाम अभिभावक से यह अनुरोध करता हूं कि अपने बच्चे को ड्रेस में ही विद्यालय भेजें.
हिजाब पहनकर आना उचित नहीं
अधिकारियों ने कहा कि अभिभावक संगोष्ठी में अपनी तत्परता दिखाते हुए भाग लें और अपनी समस्या हम तक पहुंचाएं. जिससे कि समस्या का हल निकाल कर आप सबों के बीच साझा किया जा सके. उन्होंने साफ़ तौर पर कहा की सरकारी विद्यालय में हिजाब पहनकर आना कतई उचित नहीं है. आपके बच्चे की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है और आपका सहयोग हीं हमारे और हमारे शिक्षकों का विश्वास है. इस दौरान अभिभावकों ने शांति व्यवस्था बनाए रखने को लेकर अधिकारी को आश्वस्त कराया.
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शिक्षक संघ ने भी किया विरोध
शिक्षक संघ ने भी इस पूरे मामले का विरोध करते हुए शिक्षकों की सुरक्षा की मांग की है. विद्यालय में ड्रेस के लिए सरकारी योजना के तहत छात्र-छात्राओं पैसे आवंटित कर दिए गए हैं. इसके बावजूद कई ऐसी छात्राएं हैं जो ड्रेस में नहीं आती हैं. सभी धार्मिक पोशाक (हिजाब) पहन कर स्कूल आ रही हैं. इसी पर जब हेडमास्टर ने छात्राओं को ड्रेस पहन कर स्कूल आने को कहा तो लगों ने स्कूल पहुंचकर प्राचार्य से बदसलूकी की.
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