बिहार के आरा स्थित वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में शनिवार को सीनेट की बैठक आयोजित की गई. पहली बार इस बैठक का उद्घाटन राज्यपाल सह कुलाधिपति ने किया. विश्वविद्यालय के इतिहास का यह पहला अवसर है, जब कोई राज्यपाल सह कुलाधिपति सीनेट की बैठक का उद्घाटन किया हो. वहीं, शनिवार को विश्वविद्यालय के जीरो माइल के पास नये कैंपस में बैठक का विरोध करते हुए छात्रों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया. छात्र कई मुद्दों को लेकर विरोध कर रहे थे. विश्वविद्यालय में सीनेट की बैठक शुरू हुई और 700 करोड़ के घाटे के बजट प्रस्तुत किये जाने की जानकारी मिली, तो छात्र संगठन से जुड़े छात्र आक्रोशित हो गये व हंगामा करने लगे. विरोध प्रदर्शन इस तरह बढ़ गया कि छात्रों को हटाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. इसकी जानकारी मिलते ही सर्वदलीय छात्र संगठन से जुड़े काफी संख्या में स्टूडेंट्स पहुंच गये, जिससे हंगामा काफी बढ़ गया. इस दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस की ओर से छात्रों को समझाने की कोशिश की भी गई लेकिन छात्र नहीं माने और हंगामा जारी रखा. इसके बाद पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया.
प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज
आपको बता दें कि आज वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में सीनेट की बैठक आयोजित हुई है. छात्र पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़कर बैठक हॉल में जाने का प्रयास करने लगे. पुलिस लगातार प्रयास कर रही थी कि छात्रों को अंदर नहीं जाने दिया जाये, पर छात्र अंदर जाने की लगातार कोशिश कर रहे थे. इसको लेकर छात्रों एवं पुलिस के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गयी. आक्रोशित छात्रों ने कई गाड़ियों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया. स्थिति ऐसी हो गई कि पुलिस को हालात पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा.
एक छात्र का सिर फटा
इस लाठीचार्ज से पुलिसकर्मी और कई छात्र घायल हो गये. इससे छात्रों में भगदड़ मच गई और कई छात्र इधर-उधर भागने लगे और कुछ नाले में गिर गए. वहीं एक छात्र का सिर फट गया. कई अन्य छात्रों को भी हल्की चोटें आईं. एक छात्र खून से लथपथ था. वहीं, कई अन्य छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें उनके साथी छात्रों ने सहारा दिया. मारपीट के दौरान एक पुलिसकर्मी को भी मामूली चोटें आईं.
पुलिस की थी चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था
सीनेट की बैठक को लेकर प्रशासन ने विश्वविद्यालय के न्यू कैंपस परिसर में पुलिस की चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था की थी. काफी संख्या में पुलिस बल तैनात किये गये थे, ताकि किसी तरह की गड़बड़ी न हो सके व विपरीत परिस्थितियों से निबटा जा सके.
क्या बोले छात्र
इस दौरान छात्रों का कहना था कि विश्वविद्यालय का बजट घाटे का नहीं था. इसे जान-बूझकर घाटे का बजट बनाकर पेश किया जा रहा है. यह विश्वविद्यालय की प्रशासनिक चूक है. विश्वविद्यालय की चूक के कारण ऐसी अनियमितता सामने आ रही है. छात्रों की संख्या के अनुसार छात्रावास का निर्माण नहीं हो पा रहा है. कोर्स ड्यूरेशन के साथ-साथ सभी कॉलेजों में पुस्तकालय और मूलभूत सुविधाओं को लेकर सीनेट की बैठक में बात उठाने को लेकर हम सभी छात्र संगठन के लोग विरोध दर्ज करा रहे थे, तभी विश्वविद्यालय प्रशासन के इशारे पर पुलिस ने आंदोलन कर रहे छात्रों पर बर्बरता से लाठियां बरसायीं.
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घायल पुलिसकर्मी का कहना है कि छात्र हंगामा कर रहे थे. उन्हें नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा था, तभी कुछ छात्रों ने उन पर हमला बोल दिया. इस हमले में पुलिस वाले जख्मी हो गये. हंगामा और लाठीचार्ज की घटना के बाद भी विश्वविद्यालय के अंदर कई छात्र संगठन के लोग नाराजगी जताते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
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