अंबेडकर के स्मृति दिवस पर पटना में प्रदर्शन, साम्प्रदायिक फासीवाद के खिलाफ लगे नारे
बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर के स्मृति दिवस के अवसर पर मंगलवार को पटना के डाकबंगला चौराहे पर लोकतांत्रिक जन पहल की ओर से प्रदर्शन किया गया. इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. प्रदर्शनकारियों के हाथों में साम्प्रदायिक फासीवाद के खिलाफ अंबेडकर के कथनों से संबंधित तख्तियां थीं.
पटना. बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर के स्मृति दिवस के अवसर पर मंगलवार को पटना के डाकबंगला चौराहे पर लोकतांत्रिक जन पहल की ओर से प्रदर्शन किया गया. इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. प्रदर्शनकारियों के हाथों में साम्प्रदायिक फासीवाद के खिलाफ अंबेडकर के कथनों से संबंधित तख्तियां थीं. वो ‘नरेन्द्र मोदी का अंबेडकर-प्रेम झूठ, फरेब, बहाना है, मकसद संविधान, लोकतंत्र और सामाजिक न्याय को दफनाना है ‘ के नारे लगा रहे थे.
अंबेदकर से भाजपा का प्रेम एक छलावा
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए 6 दिसंबर की तारीख तय करना एक सोचीं- समझी साजिश थी. इस तारीख का चयन करना बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर के इतिहास को दबाना और कलंकित करना. उन्होंने कहा कि हम सब जानते हैं कि अंबेडकर जनसंघ और आरएसएस के विचारों के सख्त विरोधी थे. उन्होंने हमेशा मनुवाद का विरोध किया. आज भाजपा का अंबेदकर प्रेम पूरी तरह से झूठ और छलावा है. भाजपा अंबेदकर के बनाये संविधान को खत्म करने में लगी हैं.
ये लोग थे शामिल
प्रदर्शन में शामिल प्रमुख लोगों में कंचन बाला, सुधा वर्गीज, माला दास एडवोकेट, सुनीता कुमारी सिन्हा, अफजल हुसैन, अशोक कुमार एडवोकेट, उदयन राय, मणिलाल एडवोकेट, शौकत अली , ऋषि आनंद, जोस के, अनूप कुमार सिन्हा, अहमद इमाम, लाल बाबू राम, जूनो, जाहिद करीम , अशरफी सदा, जोस कलापुरा, मनहर कृष्ण अतुल और सत्य नारायण मदन, संयोजक.