PU Student Election में हुई ओवैसी की भी इंट्री हो चुकी है. AIMIM लगातार बिहार में अपनी पकड़ को मजबूत करने की कोशिश में लगी हुई है. ऐसे में गोपालगंज उपचुनाव के बाद ओवासी की पार्टी पटना विवि छात्र संघ चुनाव में भी अपना दम दिखाने के लिए उतर रही है. ऐसे में पार्टी ने सोच विचार के साथ अपना एक कैंडिडेट उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव में उतारा है. AIMIM की कैंडिडेट सबा कुतुब पूरे दम के साथ प्रचार कर रही है. सबा की जीत या हार की बात अलग है. बड़ी बात ये है कि वो कैंपस में मुस्लिम के साथ गैर मुस्लिम छात्रों को भी अपनी तरफ इक्कठा करने में कामयाब हो रही है. हालांकि देखना ये होगा कि सबा कुतुब की सभा में शामिल हो रही भीड़ वोट में कितना बदलती है.
ओवैसी की AIMIM ने पटना विवि छात्र संघ चुनाव में प्रयोग के रुप में अपना कैंडिडेट उतारा है. पार्टी के कैंडिडेट की जीत से ज्यादा रिस्पांस को देखना था, क्योंकि पटना विवि में 20 प्रतिशत के लगभग यानि 4200 मुस्लिम छात्र है. इन में कुछ एनएसयूआई के साथ कुछ अन्य के साथ. मगर ओवैसी ने उन्हें एक छात्र संघ का विकल्प दिया है. पार्टी ने लड़की मुस्लिम कैंडिडेट को मैदान में उतारा है. ये अपने आप में पार्टी की तरफ से बड़ा संदेश दिया है. हालांकि, माना जा रहा है कि जीतने महागठबंधन के छात्र संघ हैं, उनकी परेशानी बढ़ जाएगी. एबीवीपी को पांरपरिक रुप से हिन्दू छात्रों का वोट ज्यादा मिलता है. वहीं मुस्लिम छात्रों का वोट राजद, जदयू, एनएसयूआई आदि को मिलता था. जिसका सीधे रुप से नुकसान होगा.
सबा कुतुब के मैदान में आने से ABVP अपने वोट पर किसी तरह से फर्क पड़ने की संभावना से इंकार कर दिया. वहीं NSUI और AISF के उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार मीर सरफराज ने कहा कि छात्र संघ चुनाव में जाति या धर्म की बात करना ही लगत है. ये चुनाव छात्र जीवन में छात्रहीत की भावना के साथ लड़ी जाती है. AIMIM ने छोटी सोच से अपना उम्मीदवार मैदान में उतारा है. हम अपने छात्रहीत के मुद्दों पर कायम हैं. जदयू छात्र संघ से उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हर पार्टी और छात्र संघ को अपने प्रत्याशी मैदान में उतारने का अधिकार है. बिहार की राजनीति में जाति और धर्म का मुद्दा है. मगर विवि चुनाव इन सब से अलग है.